EMI और क्रेडिट कार्ड के इस जमाने में अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो आपके लिए कई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। क्रेडिट स्कोर खराब होने से आपको न तो पर्सनल लोन आसानी से मिलेगा, कार लोन और होम लोन की बात तो भूल ही जाइए। क्रेडिट स्कोर को आसान भाषा में समझना है तो इसे जानिए यह बैंक की नजर में आपकी साख है। अगर आप सही वक्त पर लोन लेते हैं, चुकाते हैं तो खुद-ब-खुद आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो जाएगा।
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड क्रेडिट स्कोर जारी करता है। इसे CIBIL स्कोर के तौर पर भी जानते हैं। क्रेडिट स्कोर 300 से 900 तक की रेंज में जारी होता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 700 से 900 के बीच में है तो इसे अच्छा क्रेडिट स्कोर माना जाता है। अगर आपका सिबिल ठीक नहीं है तो बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां आपको लोन देने से इनकार कर सकती हैं।
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खराब क्रेडिट स्कोर ठीक कैसे होता है?
बैंकिंग लॉ के एक्सपर्ट एडवोकेट शुभम गुप्ता ने खबरगांव के साथ बातचीत में बताया कि कैसे खराब क्रेडिट स्कोर भी ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा, 'खराब क्रेडिट स्कोर ठीक होने में 6 से 12 महीने लग सकते हैं। अगर आपने सभी कर्ज सही समय से चुका दिया, आप पर कोई कर्ज नहीं है, क्रेडिट कार्ड का पेमेंट भी आप भर चुके हैं तो भी 6 से 12 महीने बाद ही आपका क्रेडिट स्कोर सही दिखेगा।' क्रेडिट स्कोर 700 से ज्यादा रखने की सलाह बैंकिंग एक्सपर्ट देते हैं।
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खराब क्रेडिट स्कोर सही कैसे हो सकता है?
- सही समय पर बिल का भुगतान करें: अगर आप सही वक्त पर अपने क्रेडिट कार्ड और लोन बिल का भुगतान करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है। अगर आप नहीं भुगतान करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर खराब होता है, जिसे ठीक होने में 6 महीने से 12 महीने तक लग सकते हैं।
- क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर करें: क्रेडिट रिपोर्ट यह पता चलता है कि कब और कितना उधार लिया, सही वक्त पर आपने पे किया या नहीं। अगर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तो बैंक या फाइनेंसिंग कंपनी यह तय ही नहीं कर पाएगी कि आप कर्ज लौटाने में कितने सक्षम हैं। आप छोटे लोन लेकर, क्रेडिट कार्ड से नियमित शॉपिंग करके अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं।
- क्रेडिट का 30 फीसदी ही खर्च करें: अगर आपके क्रेडिट कार्ड का लिमिट 1 लाख है तो कोशिश करें कि सिर्फ 30 हजार तक ही क्रेडिट कार्ड से खर्च करें। अगर लिमिट का 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सा खर्च करते हैं तो यह माना जाता है कि आप आर्थिक तंगी में हैं।
- क्रेडिट लिमिट बढ़ाएं: अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाने की कोशिश करें। इससे क्रेडिट ब्यूरो को लगता है कि लेंडर आप पर भरोसा कर रहा है। महीने में दो बार क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करें। अलर्ट सेट करें जिससे आप लिमिट को टच न करें।
- एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड न रखें: एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड या लोन न अप्लाई करें। अगर ज्यादा अप्ला करते हैं तो बैंक समझ जाता है कि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे रहे हैं। क्रेडिट स्कोर खराब होता है और बैंक आपको कर्ज देने से इनकार कर सकता है। |
- क्रेडिट रिपोर्ट नियमित चेक करें: अगर क्रेडिट रिपोर्ट में आपको गलती दिख रही है, आपने समय से भुगतान किया है, तब भी स्कोर खराब जा रहा है तो आप इसकी शिकायत क्रेडिट ब्यूरो से कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड को डिफॉल्ट न होने दें: क्रेडिट कार्ड का बिल सही वक्त पर चुकाएं। अगर आप बिल सही वक्त नहीं भरते हैं तो सिबिल स्कोर खराब होने लगेगा। डिफॉल्ट होने पर 600 से नीचे क्रेडिट स्कोर चला जाएगा। अगर आप पूरी रकम नहीं चुका सकते हैं तो मिनिमम अमाउंट ड्यू जरूर पे करें। अगर आप मिनिमम ड्यू भरते हैं तो लोन देने वाली कंपनी, ब्योरो तक आपकी शिकायत नहीं देती है।
- कर्ज को जल्द से जल्द चुकाएं: अगर आपने कोई लोन लिया है तो उसे जल्द से जल्द भरने की कोशिश कीजिए। सिबिल रिपोर्ट में आपका कर्ज भी मेंशन होता है। यह क्रेडिट स्कोर खराब करता है। सही समय पर कर्ज चुकाएं। प्री-पेमेंट भी आप कर सकते हैं। क्रेडिट सही वक्त पर लौटाने से आपकी रिपोर्ट बेहतर होती है।