सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस- CBDT ने मंगलवार को ऐलान किया कि आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर अब 15 सितंबर 2025 कर दी है। यह फैसला ITR फॉर्म में किए गए नए बदलाव और उनसे जुड़े तकनीकी कामों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
CBDT ने इस बार ITR फॉर्म में कुछ बदलाव किए गए हैं ताकि टैक्स पेयर से ज्यादा पारदर्शिता से सही जानकारी दे सकें और प्रक्रिया सरल हो सके। खासकर ITR फॉर्म 5 में कैपिटल गेन की जानकारी अब दो हिस्सों में देनी होगी – एक 23 जुलाई 2024 से पहले और दूसरी इसके बाद की।
ITR क्या है और क्यों जरूरी है?
ITR यानी Income Tax Return एक ऐसा फॉर्म है जिसमें व्यक्ति या संस्था अपने साल भर की आमदनी, खर्च, कर कटौती और भुगतान की जानकारी सरकार को देती है। यह हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जिसकी सालाना आय आयकर सीमा से ऊपर जाती है।
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भारत में ITR कैसे फाइल करते हैं?
ITR फाइल करने का प्रोसेस
जरूरी दस्तावेज तैयार करें: पैन कार्ड और आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 16 (अगर आप सैलरीड हैं), इसके साथ अन्य आमदनी के प्रमाण जैसे- ब्याज, किराया, कैपिटल गेन आदि।
टैक्स की कटौती का विवरण (Form 26AS या AIS)
सही ITR फॉर्म चुनें: अलग-अलग केटेगरी के लिए अलग-अलग फॉर्म होते हैं जैसे- ITR-1, ITR-2, ITR-3 आदि। सही फॉर्म को चुनना जरूरी है, नहीं तो रिटर्न अमान्य हो सकता है।
ITR वेबसाइट पर जाएं- www.incometax.gov.in पर जाकर लॉगिन करें।
ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड चुनें- आप चाहें तो ITR को ऑनलाइन भर सकते हैं या पहले JSON फॉर्मेट में डाउनलोड करके ऑफलाइन भरकर अपलोड भी कर सकते हैं।
जानकारी भरें और वेरिफाई करें: सभी आमदनी सोर्स, कटौतियों और टैक्स की जानकारी ध्यान से भरें। कोई गलती ना हो, इसका ध्यान रखें।
ई-फाइल और वेरिफिकेशन: फॉर्म भरने के बाद उसे ऑनलाइन सबमिट करें और आधार OTP, नेट बैंकिंग या ई-मेल के जरिए ई-वेरिफाई करें। बिना वेरिफिकेशन के ITR मान्य नहीं होगा।
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किन बातों का ध्यान रखें?
- सही ITR फॉर्म का चुनाव करें।
- AIS और 26AS रिपोर्ट को मिलाकर जानकारी भरें।
- हर आय के सोर्स की सही-सही जानकारी दें।
- रिटर्न को समय पर फाइल करें, ताकि लेट फीस और जुर्माने से बचा जा सके।
- कोई रिफंड यदि बनता है, तो सही बैंक खाता और IFSC कोड डालें।