देश भर में मंगलवार को यूपीआई सर्विसेज डाउन रहीं। डाउन डेक्टर के मुताबिक,यूपीआई से संबंधित 2750 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से गूगल पे से 296 शिकायतें आईं।
इसी तरह, पेटीएम ऐप से जुड़ी 119 शिकायतें थीं, जबकि 376 यूजर्स ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्लेटफॉर्म पर आउटेज की शिकायत की। अधिकांश एसबीआई यूजर्स ने फंड ट्रांसफर और ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं के प्रभावित होने की शिकायत की।
एक एक्स यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, 'मेरे जीवन में पहली बार मैंने यूपीआई डाउनटाइम का अनुभव किया है। बैंक या गेटवे नहीं, बल्कि खुद @UPI_NPCI भी था।'
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RBI करता है रेग्युलेट
UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस) को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा डेवलेप किया गया है और इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेग्युलेट किया जाता है।
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफ़र (NEFT) और इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) जैसी अन्य पेमेंट सर्विसेज के विपरीत, UPI यूज़र्स काफी आसानी से पेमेंट कर पाते हैं।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जनवरी में यूपीआई लेनदेन 16.99 बिलियन से अधिक हो गया और इसका मूल्य ₹23.48 लाख करोड़ से अधिक हो गया, जो किसी भी महीने में दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है।
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रिटेल पेमेंट का 80% UPI से
यूनिफाइड पेमेंट सर्विस (यूपीआई) भारत के डिजिटल पेमेंट ईको सिस्टम का आधार बना हुआ है, जो देश भर में खुदरा भुगतान में 80 प्रतिशत का योगदान देता है।
वित्त वर्ष 24-25 (जनवरी, 2025 तक) में, पीपुल टू मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन ने 62.35 प्रतिशत और पी2पी लेनदेन ने कुल यूपीआई वॉल्यूम में 37.65 प्रतिशत का योगदान दिया।
दूसरी ओर, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिसंबर में यूपीआई लेनदेन रिकॉर्ड 16.73 बिलियन तक पहुंच गया, जो पिछले महीने की तुलना में 8 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है।