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कई भाषाओं का उस्ताद है यह ऑटो ड्राइवर, MNC में कर चुका है काम

बेंगलुरु के ऑटो ड्राइवर की कहानी ने कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जिनके पास 2 मास्टर डिग्री के साथ MNC में काम करने का अनुभव।

Image of Auto Driver

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Canva Image)

कई बार कुछ लोगों के जीवन की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं तो कुछ यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या है हालात ऐसे भी हो सकते हैं। इनमें से कुछ कहानियों में जानने को मिलता है कि मेहनत करने और सपने देखने के बावजूद कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि इंसान को अपने सपनों से समझौता करना पड़ता है। कुछ ऐसा ही हुआ बेंगलुरु के एक ऑटो चालक के साथ, जिनकी सच्ची और प्रेरणादायक कहानी सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत रही है।

 

यह कहानी इंटरनेट पर तब वायरल हुई जब हैदराबाद के एक कंटेंट क्रिएटर अभिनव मयलावरपु ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनकी एक साधारण सी 15 मिनट की ऑटो यात्रा उनके जीवन की सबसे यादगार बातों में से एक बन गई।

 

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जब ऑटो चालक की चुनौती ने चौंका दिया

अभिनव ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ डी-मार्ट से लौट रहे थे और उन्होंने एक ऑटो लिया। उस ऑटो चालक ने उन्हें एक चुनौती दी – अगर वह उसका जवाब सही दे दें, तो वह उनसे किराया नहीं लेगा। सवाल था – COMPUTER शब्द का फुल फॉर्म क्या होता है? सभी सोच में पड़ गए, लेकिन कोई सही जवाब नहीं दे पाया।

 

ऑटो चालक ने फिर मुस्कराते हुए जवाब दिया- ‘Commonly Operated Machine Purposely Used for Trade, Education and Research’ और कहा- ‘सीखना कमाई करवाता है, लेकिन कमाई से सीख नहीं होती।’

 

इस एक पंक्ति ने अभिनव और उनके दोस्तों को सोच में डाल दिया। फिर चालक ने अपने जीवन की कहानी साझा की- उन्होंने बताया कि वह कभी IAS अधिकारी बनने का सपना देखते थे। उनके पास दो मास्टर डिग्रियां हैं- एक अंग्रेजी में और दूसरी पॉलिटिकल साइंस में। वह कहते हैं, ‘मैंने पूरी लगन से पढ़ाई की थी लेकिन अचानक मेरी शादी कर दी गई और फिर बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। पढ़ाई बीच में छूट गई।’

 

 

उस ऑटो चालक की सबसे बड़ी खासियत है कि वह सात भाषाएं बोल सकते हैं- अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, उर्दू, तमिल, तेलुगु और मलयालम। वह गर्व से कहते हैं, 'मैं उर्दू ऐसे बोलता हूं जैसे मुस्लिम भाई बोलते हैं।'

 

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उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया है, जहां वहतन तो अच्छा था लेकिन काम का बोझ और मानसिक तनाव भी बहुत ज्यादा था। उनका कहना था, ‘MNC पैसे तो देती हैं लेकिन इंसान को पूरा निचोड़ लेती हैं।’

 

अभिनव ने इस वीडियो के अंत में भावुक होते हुए कहा, ‘सिर्फ 15 मिनट की उस यात्रा में हमने एक ऐसे इंसान से मुलाकात की जो न सिर्फ पढ़ा-लिखा है, बल्कि जिंदगी के अनुभवों से भरा हुआ है। एक ऐसा व्यक्ति जिसने सपने देखे, उन्हें पूरा करने की कोशिश की लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता दी। वह आज भी मुस्कराता है, सिखाता है, और प्रेरित करता है।'

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