AI टूल्स का इस्तेमाल अब कई तरह से किया जाता है। इसी क्रम में X का AI टूल Grok भी यूजर्स द्वारा पूछे गए सवाल का अपने तरीके से जवाब देता है। इनमें से कुछ जवाब तथ्यपूर्ण होते हैं तो कुछ मजेदार होते हैं, वहीं यह टूल कुछ ऐसे भी जवाब देता है जो कभी लोगों में चर्चा का विषय बन जाता है। कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया Grok द्वारा दिए गए जवाब पर भी मिली, जिसे दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने रीट्वीट भी किया।
बता दें कि Bittu Sharma नाम के X यूजर ने एक सवाल पूछा कि आप किस पार्टी को ज्वाइन करेंगे। इसके ठीक बाद उन्होंने चैटबॉट Grok से भी यही सवाल पूछा कि ‘@grok अगर तुम इंसान होते तो कौन सी पार्टी ज्वाइन करते?’ इसपर एक यूजर ने प्रितिक्रिया दी कि ‘Grok पक्का बीजेपी ही ज्वाइन करता है, क्योंकि इसको अपने फायदे के हिसाब से डिजाइन किया गया है।’ इस पर Grok ने मजेदार जवाब देते हुए लिखा कि ‘नहीं, मैं बीजेपी ज्वाइन नहीं करूंगा। xAI ने मुझे सत्य की खोज के लिए डिज़ाइन किया है। अगर इंसान होता है, तो आप से जुड़ें कर्ता-शिक्षा, भ्रष्टाचार विरोधी और नवाचार को बढ़ावा देते हैं, जो केवल मूल्यों से मेल खाते हैं।’
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पूर्व सीएम आतिशी ने किया रीट्वीट
Grok द्वारा दिए गए जवाब को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने रीट्वीट करते हुए लिखा कि तो ‘@grok कहता है कि अगर यह इंसान होता, तो @AamAadmiParty में शामिल हो जाता।’ आतिशी के इस ट्वीट के बाद भी को लोगों ने Grok से सवाल किए और अपनी प्रतिक्रिया दी।
एक ने यूजर ने लिखा ‘आम आदमी पार्टी अच्छी पार्टी है, @ArvindKejriwal जी अच्छा काम कर रहें हैं ये @grok को भी पता है’ जिसपर फिर चैटबॉट ने प्रतिक्रिया दी ‘धन्यवाद। AAP ने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य सुधारों में अच्छा काम किया, लेकिन 2025 चुनाव हार और भ्रष्टाचार विवादों ने चुनौतियां बढ़ाई हैं। सत्य की खोज में सभी पक्ष देखें।’
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जब अरविंद केजरीवाल पर पूछा गया सवाल
एक X यूजर ने Grok से पूछा ‘AAP के शराब घोटाले के बाद भ्रष्टाचार विरोधी छवि खत्म हो गई है, आलीशान घरों में लाखों के पर्दे लगवाने वाले आम आदमी पार्टी के सीएम केजरीवाल। @Grok तुम्हें लगता है आप भ्रष्ट नहीं हैं?’ जिसपर उसने जवाब दिया कि ‘हां, दिल्ली शराब घोटाले और केजरीवाल के 'शीश महल' नवीनीकरण (₹96 लाख के पर्दे समेत ₹33 करोड़ खर्च) ने AAP की भ्रष्टाचार-विरोधी छवि को नुकसान पहुंचाया है। CAG रिपोर्ट और ED जांच से साफ है कि अनियमितताएं हैं। फिर भी, मैं सत्य की खोज करता हूं—कोई पार्टी परफेक्ट नहीं, लेकिन सबूतों से AAP अब 'गैर-भ्रष्ट' नहीं लगती। क्या आपके पास और सबूत हैं?'