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भारत के लिए सख्त नहीं होगी अमेरिका की टैरिफ नीति, ट्रम्प ने किया इशारा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसलों की वजह से कई देशों के व्यापारिक संबंध, अमेरिका से प्रभावित हुए हैं। उनकी टैरिफ नीतियों की आलोचना दुनियाभर में हुई है। भारत में भी तगड़ा टैरिफ लगाना चाहते हैं। अब उन्होंने भारत के प्रति नरमी के संकेत दिए हैं।

Narendra Modi and Donald Trump

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। (Photo Credit: PIB)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही एक व्यापार समझौता होने जा रहा है, जिसमें टैरिफ काफी कम किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार एक बार फिर सामान्य होगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ नीतियों को लेकर 9 जुलाई तक दुनिया के कई देशों को मोहलत दी थी, अब उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत के साथ समझौता दुरुस्त होगा।

डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्ता संभालने के बाद दुनिया के कई देशों में तगड़े टैरिफ का ऐलान किया था। उन्होंने रिवेंज टैक्स का ऐलान किया था। मतलब जो देश, अमेरिकी उत्पादों पर जितना तगड़ा टैरिफ लगाता, ट्रम्प भी उसी तरह के टैरिफ लगाते। उन्होंने दुनिया को 90 दिनों को छूट दी थी, यह समय सीमा 9 जुलाई को खत्म हो रही है। 


समझौते के लिए तैयार ट्रम्प लेकिन रखी एक शर्त

एयर फोर्स वन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'मुझे लगता है कि हम भारत के साथ एक समझौता करने जा रहे हैं। यह एक अलग तरह का समझौता होगा, जिसमें हम प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। अभी भारत किसी को भी अपने बाजार में प्रवेश की अनुमति नहीं देता, लेकिन मुझे लगता है कि भारत ऐसा करेगा। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम कम टैरिफ के साथ एक समझौता करेंगे।'

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डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अगर 90 दिनों के भीतर कुछ देशों ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को नए सिरे से नहीं लिखा तो तगड़े टैरिफ का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने भारतीय सामानों पर भी 26 प्रतिशत टैरिफ के ऐलान की घोषणा की थी। अगर यह लागू हो गया तो फिर इसे सामान्य कर पाना बेहद मुश्किल होगा।

किसकी अगुवाई में हो रही है वार्ता?

अमेरिका से बात कर रहे भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल कर रहे हैं। इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। भारतीय टीम ने इस समझौते को हासिल करने के लिए अपनी विदेश यात्राएं भी बढ़ा दी हैं।

 

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भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर क्यों नहीं बन पा रही बात?

भारत ने डेयरी सेक्टर में विदेशी निवेश की संभावना से इनकार किया है। दोनों देशों के बीच हालिया गतिरोध की एक वजह यह भी बताई जा रही है। अमेरिका डेयरी सेक्टर में छूट चाहता है। भारत ने इस सेक्टर में किसी भी देश के लिए राह आसान नहीं की है। 

 

अमेरिका सेब, मेवे, और कृषि उत्पादों पर भी कम टैरिफ की मांग कर रहा है। वहीं, भारत टेक्सटाइल और गारमेंट्स, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, और झींगा, तिलहन, अंगूर, और केला जैसे कृषि उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच की मांग कर रहा है।

कब तक व्यापार समझौते पर लगेगी मुहर?

व्हाइट हाउस ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत संबंधों के कारण यह व्यापार समझौता जल्द ही घोषित हो सकता है। दोनों देशों के बीच इस समझौते को लेकर सकारात्मक माहौल बना हुआ है, लेकिन समय सीमा और कुछ मुद्दों पर असहमति चुनौतियां बनी हुई हैं।

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