पूर्वी चंपारण की मधुबन विधानसभा सीट। इस विधानसभा की सीट संख्या 18 है। मधुबन तिरहुत संभाग का हिस्सा है। यहां मैथिली, हिंदी और उर्दू भाषा बोली जाती है। यह विधानसभा ऐतिहासिक रूप से बेहद समृद्ध रही है। पूर्वी चंपारण की मधुबन विधानसभा सीट से राणा रणधीर सिंह विधायक हैं। वह नीतीश कुमार की ही सरकार में सहकारी मंत्री रहे हैं। यह सामान्य श्रेणी की सीट है। यह विधानसभा शिवहर लोकसभा सीट से अंतर्गत आती है। साल 1957 से अब तक यहां 16 विधानसभा चुनाव हुए हैं।
यहां किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा है। यहां करीब 2,70,387 वोटर हैं। इस विधानसभा का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण है। यह गंगा का मैदानी इलाका है। मधुबन की ज्यादातर आबादी कृषक है। धान, गेंहू, मक्का और आम की खेती यहां खूब होती है। बारिश के दिनों में यहां लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। कुछ इलाके बारिश में डूब जाते हैं।
मधुबन विधानसभा, मोतिहारी से 30 किलोमीटर दूरी पर है। शिवहर भी 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से मुजफ्फर 65 किलोमीटर की दूरी पर है। साल 2008 के परिसीमन में मधुबन में मधुबन, पकड़ीदयाल और फेनहारा सामुदायिक विकास खंडों को शामिल किया गया है।
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मुद्दे क्या हैं?
मधुबन में खराब सड़कों का मुद्दा आए दिन उठता रहता है। यहां पलायन, बेरोजगारी और शिक्षा का मुद्दा बड़ा है। इलाके में बड़े अस्पताल नहीं हैं। अब भी यहां कच्चे मकानों की संख्या ज्यादा है।
सामाजिक ताना-बाना
यह विधानसभा, सामान्य श्रेणी की है। यहां यादव, कुशवाहा और अनुसूचित जाति के वोटर निर्णायक स्थिति में हैं। ब्राह्मण और ठाकुर वर्ग के भी मतदाता चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। यहां एक जमाने में वाम दल सक्रिय रहे हैं।
2025 में क्या समीकरण क्या बन रहे हैं?
2025 त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। यहां से प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी दमखम ठोक रही है। सीट बंटवारे में यह सीट अगर बीजेपी के खाते में जाती है तो एक बार फिर यहां से राणा रणधीर को मौका मिल सकता है। यहां से आरजेडी एक बार फिर मदन प्रसाद पर भरोसा जाता सकती है।
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2020 का चुनाव कैसा रहा?
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता राणा रणधीर सिंह यहां से जीते। 73179 वोट उन्हें पड़े थे। आरजेडी के मदन प्रसाद को कुल 67301 वोट पड़े थे। निर्दलीय शशि रंजन कुमार को 2639 वोट पड़े। जन अधिकार पार्टी के शिवजी रे को कुल 2082 वोट पड़े थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से रणधीर सिंह ही जीते थे। उन्हें कुल 61,054 वोट पड़े थे। शिवजी जेडीयू से चुनावी मैदान में उतरे थे, उन्हें 44,832 वोट पड़े। बीएसपी के संतोष कुमार मधुकर को 12,366 वोट मिले।
विधायक का परिचय
राणा रणधीर सिंह बीजेपी नेता हैं। वह अपनी विधानसभा में खासे सक्रिय रहते हैं। यह उनकी पारंपरिक सीट रही है। वह पहले राष्ट्रीय जनता दल में रहे हैं। उन्होंने साल 2020 में अपनी कुल संपत्ति 3 करोड़ 65 लाख बताई है। साल 2010 में उन्होंने अपनी संपत्ति 25 लाख रुपये घोषित की थी। वह ग्रेजुएट हैं। उन्होंने BIT डीम्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है। उन पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है। |
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विधानसभा सीट का इतिहास
मधुबन विधानसभा सीट पर पहली बार साल 1957 में चुनाव हुए। तब निर्दलीय उम्मीदवार रूपा लाल राय चुने गए थे। साल 1962 में कांग्रेस के मंगल प्रसाद यादव चुनाव जीते। साल 1967 और 1969 के चुनाव में CPI के महेंद्र भारती ने चुनाव जीता था। 2015 और 2020 के चुनाव में राणा रणधीर सिंह चुनाव जीते।
- 1957 विधानसभा चुनाव: रूप लाल राय, निर्दलीय
- 1962 विधानसभा चुनाव: मंगल प्रसाद यादव, कांग्रेस
- 1967 विधानसभा चुनाव: महेंद्र भारती, CPI
- 1969 विधानसभा चुनाव: महेंद्र भारती, CPI
- 1972 विधानसभा चुनाव: राजपति देवी, CPI
- 1977 विधानसभा चुनाव: रूप लाल राय, कांग्रेस
- 1980 विधानसभा चुनाव: व्रज किशोर सिंह, कांग्रेस
- 1985 विधानसभा चुनाव: सीताराम सिंह, जनता पार्टी
- 1990 विधानसभा चुनाव: सीताराम सिंह, जनता दल
- 1995 विधानसभा चुनाव: सीताराम सिंह
- 2000 विधानसभा चुनाव: सीताराम सिंह, RJD
- 2005 विधानसभा चुनाव: राणा रणधीर सिंह, RJD
- 2005 विधानसभा चुनाव: शिवजी राय, JDU
- 2010 विधानसभा चुनाव: राणा रणधीर सिंह, BJP
- 2015 विधानसभा चुनाव: राणा रणधीर सिंह, BJP