बिहार में वोट चोरी पर जोर, कितने घोटालों में फंसे कांग्रेस-RJD नेता?
चुनाव
• PATNA 26 Aug 2025, (अपडेटेड 26 Aug 2025, 11:04 AM IST)
बिहार में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी अपनी वोटर अधिकार यात्रा में सरकार और चुनाव आयोग को वोट चोर बता रहे हैं। उनकी सरकारों पर क्या गंभीर आरोप रहे हैं, आइए जानते हैं।

वोटर अधिकार यात्रा में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी। (Photo Credit: PTI)
बिहार में 'वोट चोरी' का मुद्दा छाया हुआ है। विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव और लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी, जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। दोनों नेता हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और यह आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग और नरेंद्र मोदी सरकार की मिलीभगत से बिहार के हजारों लोगों का नाम वोटर लिस्ट से बाहर किया जा रहा है, वोट चोरी की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी, इन आरोपों का जवाब, उन घोटालों के जिक्र से दे रही है, जिनमें कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का नाम सामने आया है।
कांग्रेस की कई राज्यों में सरकारें रही हैं। केंद्र में कांग्रेस 2004 से 2009 और 2009 से 2014 तक सत्ता में रही है। एक दशक के कार्यकाल में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे। दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार पर कॉमनवेल्थ घोटालों के आरोप लगे तो उधर बिहार में 1990 से 2000 के दशक तक एक के बाद एक कई घोटाले सामने आए। नेशनल हेराल्ड से लेकर IRCTC घोटाले तक, किन-किन चर्चित मामलों में दोनों दलों के नेताओं के नाम सामने आए हैं, आइए जानते हैं-
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी की राजनीतिक यात्राओं से कांग्रेस को क्या हासिल हुआ है?
जिन घोटालों में कांग्रेस का सामने आया नाम
- मारुती घोटाला: 70 के दशक के इस केस में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर संगीन आरोप लगे। उनके बेटे संजय गांधी का नाम इस केस में सामने आया था। मारुति कंपनी को पैसेंजर कार बनाने का लाइसेंस दिया गया था। सरकारी प्रक्रियाओं पर सवाल उठे थे। बिना जरूरी योग्यता के लिए ही मैनेजिंग डायरेक्ट जैसे पद दिए गए। टैक्स, फंड और जमीनों के लेकर छूट का ऐलान किया गया। कंपनी एक भी कार नहीं बना पाई, 1977 में इसे बंद कर दिया गया।
- बोफोर्स घोटाला: 1990 में कथित तौर पर हुआ बोफोर्स घोटाला कांग्रेस का वह दाग है, जिसे लेकर बीजेपी आज भी राजीव गांधी सरकार पर सवाल उठाती है। सीधे प्रधानमंत्री का नाम आया कि बोफोर्स कंपनी ने 64 करोड़ रुपये से ज्यादा कमीशन कांग्रेस के नेताओं को दिया था, जिससे 154 एम हॉवित्जर तोपों की डील पूरी हो सके। इतालवी व्यवसायी ओतावियो क्वात्रोची को घोटाले का बिचौलिया कहा गया। उसे गांधी परिवार का करीबी बताया गया। कहतें हैं कि अमिताभ बच्चन ने इसी घोटाले के बाद से गांधी परिवार से दूरी बना ली थी। यह सौदा 1437 करोड़ का था। 1990 में इस केस की CBI जांच शुरू हुई, बिचौलिया क्वात्रोच्चि भारत से भाग गया था। 2007 में उसे प्रत्यर्पण का मुकदमा भी भारत हार गया था। 2011 में क्वात्रोच्चि की खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने केस बंद करने के लिए कहा था।
- नेशनल हेराल्ड घोटाला: अप्रैल 2025 में ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में एक चार्जशीट दाखिल की थी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के संगीन आरोप हैं। सोनिया आरोपी नंबर 1 हैं, राहुल आरोपी नंबर 2 हैं। राहुल और सोनिया गांधी पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडियन के अधिकारियों के साथ मिलकर 2 हजार करोड़ की संपत्ति हड़पने के आरोप हैं। कर्ज को इक्विटी में बदलने, टैक्स चोरी करने और मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप हैं। जून 2014 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसके बाद 2021 में ईडी ने इस केस की जांच शुरू की।
- अगस्ता वेस्ट लैंड हेलीकॉप्टर सौदा: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा साल 2010 हुआ था। यूपीए सरकार ने ब्रिटिश-इटैलियन कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने का 3600 करोड़ रुपये का एक करार किया था। रिश्वतखोरी के संगीन आरोपों की वजह से साल 2014 में इसे रद्द किया गया। इसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी सहित कई लोग आरोपी बने। साल 2018 में क्रिश्चियन मिशेन का प्रत्यर्पण हुआ था। वह प्रमुख बिचौलियों में से एक है। करीब 7 साल तक जेल में रहे।
- कॉमनवेल्थ घोटाला: साल 2010 में भारत में कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन हुआ था। शीला दीक्षित तत्कालीन मुख्यमंत्री थीं। 2010 में ही CBI ने भ्रष्टाचार और गलत तरीके से ठेके के आवंटन के आरोप में केस दर्ज किया था। 2011 में कॉमनवेल्थ ऑर्गेनाइिंग कमेटी के मुखिया सुरेश कलमाड़ी पर ज्यादा दाम में ठेके बांटने के आरोप लगे। जेल भी हुई। 2011 में CBI ने 9 लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की। 2012 में सुरेश कलमाड़ी को जमानत मिले। 2012 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया। 2013 में भ्रष्टाचार के आरोप तय हुए, 2014 में सबूत न मिलने की वजह से क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हो गई। 28 अप्रैल 2025 में ईडी को कोई सबूत नहीं मिला, क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हुई। कांग्रेस ने कहा कि यह बीजेपी का बुना झूठ था जो खत्म हो गया।
- 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला: 2जी घोटाला साल 2010 में सामने आया था। CAG ने अपनी रिपोर्ट में साल 2008 में इस स्पेक्ट्रम के आवंटन पर सवाल खड़े किए थे। इसे 1 लाख 76 करोड़ का घोटाला बताया गया था। दावा किया गया कि कंपनियों को नीलामी की जगह 'पहले आओ-पहले पाओ' की नीति पर लाइसेंस दिया गया। सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया। तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नाम सामने आया। ए राजा इस घोटाले के सूत्रधार कहे गए। उन्हें 15 महीनों तक जेल में रहना पड़ा। जमानत मिली। कनिमोई, सिद्धार्थ बेहुरा, आरके चंदोलिया और शाहिद बलवा जैसे कई लोग रडार पर आए। दिसंबर 2017 में सभी आरोपियों को दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया था। यह केस दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है।
रॉबर्ट वाड्रा लैंड स्कैम केस: फरवरी 2008 में रॉबर्ट वाड्रा के स्वामित्व वाली कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के बीच एक लैंड डील हुई थी। गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन को 7.5 करोड़ रुपये में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी खरीदा था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन पर 2.7 एकड़ के लिए एक कॉमर्शियल कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस स्काईलाइट को दे दिया। कॉलोनी बनाने की जगह रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। स्काईलाइट को सीधे 50 करोड़ रुपये का तत्काल मुनाफा हुआ। 2018 में हरियाणा पुलिस ने रॉबर्ट वाड्रा, भूपेंद्र हुड्डा, DLF और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ FIR दर्ज की। धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। भारतीय दंड संहिता की धारा 120, 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया गया।
यह भी पढ़ें: मुद्दे राहुल गांधी के, नाच रहा विपक्ष! 2024 के बाद ऐसा क्या बदल गया?
RJD के चर्चित घोटाले
राष्ट्रीय जनता दल की बिहार में एक अरसे से सरकार रही। लालू प्रसाद यादव केंद्र में मंत्री तक रहे हैं। उनके कार्यकाल का सबसे बदनाम घोटाला चारा घोटाला था, जिसमें वह दोषी पाए गए थे। सजा हुई, उनके 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक भी लगी। चारा घोटाला, IRCTC घोटाला, अलकतरा जैसे घोटालों का दाग अब तक राष्ट्रीय जनता दल पर लगता है।
- चारा घोटाला: लालू यादव के राजनीतिक जीवन के लिए यह केस कलंक की तरह रहा। वह दोषी साबित हुए, अब तक सजा काट रहे हैं, जमानत पर बाहर हैं। बिहार में करीब 940 करोड़ का घोटाला हुआ था, जिसमें बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे। उन्हें अपने पद से साल 1994 में इस्तीफा देना पड़ा। इस मामले में कुल 66 मुकदमे CBI ने दर्ज किए थे, 6 में लालू यादव अभियुक्त बनाए गए थे। लालू यादव कई मामलों में दोषी करार दिए गए हैं।
- नौकरी के बदले जमीन घोटाला: यह घोटाला 2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुआ। आरोप है कि रेलवे में ग्रुप डी नौकरियों के बदले उनके परिवार को रियायती दरों पर जमीन दी गई। सीबीआई ने लालू, राबड़ी देवी, और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने 2025 में ट्रायल रोकने की याचिका खारिज की।
- IRCTC घोटाला: IRCTC घोटाले में लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते उन्होंने दो IRCTC होटलों का संचालन, निजी कंपनी को देने के बदले पटना में जमीन ली। सीबीआई और ईडी ने लालू, राबड़ी, और तेजस्वी यादव के खिलाफ जांच शुरू की। दिल्ली कोर्ट में सुनवाई जारी है।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap