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टैरिफ को लेकर PM मोदी और ट्रंप की होगी बात! विदेश सचिव ने क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरे देशों के साथ टैरिफ को लेकर काफी  सख्त हो गए हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले दोनों देशों ने 2030 तक व्यापार को 500 बिलियन डॉलर करने पर सहमति जताई थी।

pm modi and donald trump : Photo Credit: PTI

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप : Photo Credit: PTI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बात करने के लिए राजी हो गए हैं।  सूत्रों के हवाले से एनएनआई ने इस बात की जानकारी दी। यह बात तब उठी है जब विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बात के संकेत दिए थे कि भारत टैरिफ को लेकर नरमी बरतने पर विचार कर रहा है।

 

दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट को फरवरी 2025 में अंतिम रूप दिया गया और यह मार्केट ऐक्सेस को बढ़ाने, टैरिफ बैरियर को कम करने और सप्लाई चेन को इंटीग्रेट करने की कोशिश कर रहा है।

 

इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए दोनों नेताओं ने  सीनियर रिप्रेजेंटेटिव्स को नियुक्त करने, व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने का फैसला किया है।

 

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माना जा रहा है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता गुड्स और सर्विसेज सहित तमाम सेक्टर्स को प्रभावित करेगा। मार्केट ऐक्सेस को बढ़ाकर और बैरियर को कम करके एग्रीमेंट व्यापारिक फ्लो को बढ़ाने, बैरियर को कम करने और ट्रेड को बढ़ाने में मदद करेगा।

 

टैरिफ में नरमी के संकेत

ट्रंप के यह कहने के एक दिन बाद कि भारत टैरिफ को कम करने पर राजी हुआ है, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत इस बीच टैरिफ में कमी को लेकर कई ट्रेड डील साइन करने को राजी हुआ है।

 

उन्होंने कहा, 'अमेरिका से आने वाले बयान काफी दिलचस्प हैं। मैं अभी इस पर कुछ भी नहीं कहूंगा क्योंकि इन पर बात हो रही है, लेकिन मैं आपका ध्यान इस ओर खींचना चाहूंगा कि हम लोग द्विपक्षीय व्यापार एग्रीमेंट पर विचार कर रहे हैं जो कि कई पार्टनर्स के साथ टैरिफ लिबरलाइजेशन पर आधारित होगा।'

 

उन्होंने कहा, 'यह ऐसी चर्चा है जो कि कई पार्टनर्स के साथ चल रही है। मुझे लगता है कि इस चर्चा को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। यह हमारी सामान्य एप्रोच है और इस तरह की किसी भी इंगेजमेंट पर लागू होती है।'

 

 

2 अप्रैल है डेडलाइन

सूत्रों के मुताबिक भारत अमेरिका के साथ टैरिफ की समस्या को हल करने को लेकर काफी आशावादी है, खासकर 2 अप्रैल के पहले पहले।

 

यह विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया में भी दिखा, जिसमें कहा गया, 'भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करके हमारा उद्देश्य दोनों देशों के बीच गुड्स एंड सर्विसेज को बेहतर बनाना, मार्केट ऐक्सेस को बढ़ाना, टैरिफ को कम करना, नॉन-टैरिफ बैरियर को घटाना और सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को और बेहतर बनाना है।'

 

भारत ने पहले से ही ऑस्ट्रेलिया, यूएई स्विटजरलैंड और नॉर्वे सहित कई बड़े विकसित देशों के साथ लागू किए जाने वाले औसत टैरिफ को कम कर दिया है।

 

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चल रही है बातचीत

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में अमेरिकी अथॉरिटी से बातचीत के लिए एक शिष्टमंडल 3 से 6 मार्च के बीच अमेरिका के दौरे पर था। बातचीत इस विषय पर भी होनी थी कि ऊर्जा, डिफेंस और टेक्नॉलजी जैसे सेक्टर्स पर फोकस करके दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर का किया जाए।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में थे और अपने समकक्षों से मुलाकात की। द्विपक्षीय व्यापार के जरिए हमारा उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को बेहतर बनाना, मार्केट ऐक्सेस को बढ़ाना, टैरिफ और नॉन टैरिफ बैरियर को कम करना है।'

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