पाकिस्तान आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना है। पाकिस्तान सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतंकियों के जनाजे में फातिहा पढ़ने वाले जिस मौलाना को आम आदमी बता रहा था, अमेरिका की ओर से घोषित आतंकी है। खुद पाकिस्तानी सेना ने उसकी पहचान पर मुहर लगा दी। फातिहा पढ़ने वाले शख्स का नाम हाफिज अब्दुल रऊफ है, वह लश्कर-ए-तैयबा का घोषित आतंकी है।
साल 1999 से ही वह इस आतंकी संगठन में अहम भूमिका निभा रहा है। पाकिस्तान के DGISPR ने अहम शरीफ चौधरी ने अब्दुल रऊफ को एक सामान्य नागरिक बताया। वह पाकिस्तान के मुदरिके में आतंकियों की लाशों के सामने नमाज-ए-जनाजा पढ़ रहा था।
आतंकियों का महिमामंडन कर रहा है पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान के 'आतंक प्रेम' पर कहा है कि पाकिस्तान खुले तौर पर पर आतंकियों का साथ दे रहा है। रऊफ लश्कर का बड़ा नेता है, वह अमेरिका की ओर से घोषित किए गए आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। रऊफ साल 2008 में हुए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का दाहिना हाथ है। वह प्रतिबंधित संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का चीफ है।
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कौन है हाफिज अब्दुल रऊफ?
हैरान करने वाली बात यह रही कि हाफिज अब्दुल रऊफ के साथ-साथ पुलिस और सेना के सीनियर अधिकारी भी वहां मौजूद रहे। पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज तक उनके साथ रहीं। अमेरिकी सैंक्शन डेटाबेस के मुताबिक अब्दुल रऊफ के लाहौर में कई ठिकाने हैं। 4 लेक रोड, चोबुर्जी डोला खुर्द, जिन्ना ब्लॉक और चैंबरलेन रोड जैसे पते उसके नाम पर दर्ज हैं।
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आतंकी को आम नागरिक बता रहा पाकिस्तान
हाफिज रऊफ लिए पाकिस्तान ने दो पासपोर्ट जारी किए थे। साल 2013 में दोनों खत्म हो गए थे। अमेरिका की लिस्ट में दर्ज विवरणों से यह रिपोर्ट भी मेल खाती है। पाकिस्तान ने उसे आम आदमी बताया था लेकिन उसकी आतंकी पहचान अब दुनिया के सामने आ गई है।