भारत ने गुरुवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक दुर्गा मंदिर को तोड़े जाने की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह घटना दिखा रही है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रह गए हैं। 6 अगस्त 2024 को जब शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं, तब से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख हुए हैं।
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया हैं। वह शेख हसीना के धुर आलोचक हैं और बार-बार उनके प्रत्यपर्ण की मांग कर रहे हैं। उनके सत्ता में आने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए हैं, मंदिर तोड़े गए हैं। भारत ने कई बार अंतरिम सरकार की आलोचना की है क्योंकि वह बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में नाकाम रही है।
'बांग्लादेश सरकार ने मंदिर तोड़ने की इजाजत दी'
रणधीर जायसवाल ने ढाका में दुर्गा मंदिर तोड़े जाने की घटना पर कहा, 'हमें पता चला है कि कुछ चरमपंथी ढाका के खीलखेत में दुर्गा मंदिर को तोड़ने की मांग कर रहे थे। अंतरिम सरकार ने मंदिर की सुरक्षा करने के बजाय इसे अवैध जमीन का उपयोग बताकर तोड़ने की इजाजत दे दी।' उन्होंने कहा कि इस दौरान मूर्ति हटाने से पहले ही क्षतिग्रस्त हुई है।
यह भी पढ़ें: 'अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा है', अली खामेनई ने घोषित की अपनी जीत
'बांग्लादेश में बार-बार धहो रहा धार्मिक उत्पीड़न'
रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमें दुख है कि बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।' उन्होंने अंतरिम सरकार से हिंदुओं, उनकी संपत्तियों और धार्मिक स्थलों की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
गंगा जल संधि पर क्या कदम उठाएगा भारत?
भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 का गंगा जल संधि अगले साल खत्म होने वाली है। इस संधि को दोबारा शुरू करने के लिए बातचीत की तैयारी है। रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ढाका के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते माहौल दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो।
गंगा जल संधि के बारे में पूछे गए सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और बांग्लादेश 54 सीमापार नदियां साझा करते हैं, जिनमें गंगा भी शामिल है। इन मुद्दों पर बातचीत के लिए दोनों देशों के बीच जॉइंट रीवर्स कमीशन है। भारत अपनी रणनीति तय करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से भी सलाह लेता है।
यह भी पढ़ें: ईरान ने तीन को फांसी पर चढ़ाया, इजरायल के लिए जासूसी का आरोप
कब सामान्य होंगे भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्ते?
बांग्लादेश के निर्यात पर भारत द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह कदम ढाका की कार्यशैली की जवाब है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी कई बार इन मुद्दों को बांग्लादेश के सामने उठाया है, जिनका समाधान अभी बाकी है।
पिछले महीने भारत ने बांग्लादेश के रेडीमेड कपड़ों और अन्य सामानों के निर्यात पर जमीन मार्ग से रोक लगा दी थी। भारत ने बांग्लादेश के कार्गो को तीसरे देशों में भेजने के लिए भारतीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों का उपयोग करने की पांच साल पुरानी व्यवस्था को भी खत्म कर दिया था।