भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर अमेरिका रिवेंज टैक्स लगाने जा रहा है। अमेरिका की तैयारी है कि 2 अप्रैल से इन देशों पर लगने वाला टैरिफ बढ़ा दिया जाएगा। भारतीय अधिकारी, अमेरिका के साथ अभी टैरिफ विवाद पर वार्ता कर रहे हैं। भारत को उम्मीद है कि ट्रम्प अपनी योजना में भारत के लिए बदलाव करेंगे।
मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कई व्यापारिक साझेदारों पर 'रेसिप्रोकल टैक्स' लगाने की मंशा जाहिर की। भारत ब्राजील, चीन और अमेरिका जैसे देशों के बीच 'ट्रेड वार' की आशंका बढ़ गई है, जिससे दुनिया का आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, व्यापार पर बातचीत के लिए अमेरिका दौरे पर हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत रिवेंज टैक्स का शिकार होने से बच सकता है क्योंकि बड़े स्तर पर कूटनीतिक वार्ता चल रही है। दोनों देश, एक-दूसरे की चिंताओं पर चर्चा कर रहे हैं।
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कब थमेगा ट्रेड वार?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल व्यापार पर वार्ता के लिए अमेरिका में ही है। व्यापार समझौते के पहले चरण पर काम होने की उम्मीद है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल 13 फरवरी को राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक में हुई बातचीत के आधार पर चर्चा कर रहा है। दोनों देशों के बीच हुई वार्ता के दौरान अमेरिका के तेवर नम पड़े हैं।
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ट्रम्प का टैरिफ प्लान क्या है?
डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्ता संभालने के बाद ही कहा था कि कुछ देश अमेरिका पर 100 फीसदी टैरिफ लगाते हैं, अमेरिका भी उन पर ऐसे ही टैरिफ लगाएगा। ट्रम्प ने कहा था, 'यह बहुत अनुचित है। भारत हमसे 100% से ज्यादा ऑटो टैरिफ वसूलता है। हमारे उत्पादों पर चीन का औसत टैरिफ हमसे दोगुना है। और दक्षिण कोरिया का औसत टैरिफ चार गुना ज्यादा है। हम देशो के साथ जैसे का तैसा व्यवहार करेंगे।'
अमेरिका ने मेक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। भारत के पास टैरिफ युद्ध से बचने की अभी राह बाकी है।