प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया जापान यात्रा ने भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया है। इस यात्रा से परिवहन, अंतरिक्ष अनुसंधान और आर्थिक संबंधों में तीन बड़े परिणाम सामने आए हैं। पीएम दो दिवसीय यात्रा पर जापान पहुंचे थे। यह उनकी आठवीं जापान यात्रा थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक X पोस्ट में कहा, ‘जापान की यह यात्रा अपने सकारात्मक परिणामों के लिए याद की जाएगी, जो दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाएगी। मैं जापान के प्रधानमंत्री इशिबा, जापानी लोगों और सरकार का उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।’
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ISRO-JAXA की साझेदारी
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) मिलकर चंद्रयान-5 मिशन पर काम करेंगे। यह साझेदारी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, चंद्र अनुसंधान और वैज्ञानिक शोध में सहयोग को बढ़ावा देगी।
शिंकनसेन की सवारी
शुक्रवार को पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने सेंडाई में शिंकनसेन बुलेट ट्रेन की सवारी की। इस दौरान मोदी ने भारतीय ट्रेन ड्राइवरों से बात की, जो जापान में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह प्रोजेक्ट जापान के सहयोग से बन रहा है।
68 अरब डॉलर का निवेश
जापान ने अगले दस साल में भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 अरब डॉलर) का निजी निवेश करने का वादा किया है। यह निवेश सेमीकंडक्टर, दुर्लभ खनिज, डिजिटल तकनीक और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में होगा। यह जानकारी मोदी और इशिबा के बीच हुई शिखर वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में दी गई।
महत्त्वपूर्ण है डील
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान की यह साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों ने इस यात्रा के दौरान आपसी रिश्तों में एक ‘नया और सुनहरा अध्याय’ शुरू करने की मजबूत नींव रखी है।
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यह यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच दोस्ती को और गहरा करती है, बल्कि भारत को तकनीकी और आर्थिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने में भी मदद करेगी।