भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन नेता और पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने रविवार को भारत को रूसी तेल आयात को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने भारत से कहा कि वह इस मुद्दे पर व्हाइट हाउस के साथ जल्द से जल्द समाधान खोजें। हेली ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 'दशकों की दोस्ती' इस तनाव को दूर करने का मजबूत आधार देती है।
हेली ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'भारत को रूसी तेल के खरीद पर ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए और व्हाइट हाउस के साथ मिलकर इसका हल निकालना चाहिए। जितनी जल्दी हो, उतना बेहतर। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच दशकों की दोस्ती और सद्भावना हमें मौजूदा तनाव से आगे बढ़ने का आधार देती है। ट्रेड वॉर और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दों पर सख्ती से बातचीत की जरूरत है।'
यह भी पढ़ेंः फिजी-भारत संबंध: भारतीय मूल से चिढ़, अब दौरा, कहानी सितिवेनी राबुका की
साझा लक्ष्यों को नहीं भूलना चाहिए
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने 'साझा लक्ष्यों' को नहीं भूलना चाहिए, खासकर चीन का सामना करने के लिए। हेली ने कहा, 'हमें सबसे जरूरी चीज को नहीं भूलना चाहिए: हमारे साझा लक्ष्य। चीन का सामना करने के लिए अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत है।'
इससे पहले, न्यूज़वीक में प्रकाशित एक लेख में हेली ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध टूटने की कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका को चीन की बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को रोकना है, तो इन संबंधों को पटरी पर लाना जरूरी है। हेली के मुताबिक, भारत को चीन की तरह दुश्मन नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन को व्यापार और भारत-पाकिस्तान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की भूमिका जैसे मुद्दों को दोनों देशों के बीच दरार का कारण नहीं बनने देना चाहिए।
बढ़ा है तनाव
हाल के हफ्तों में अमेरिका और भारत के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाए हैं। साथ ही, भारत-पाकिस्तान के हालिया विवाद में ट्रंप की शांति स्थापना की भूमिका को भारत द्वारा नकारे जाने की खबरें भी सामने आई हैं। अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर अब 50% से अधिक टैरिफ लगा दिया है, जो ट्रंप की नई सूची में ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा है।
यह भी पढ़ें: ट्रंप की सख्ती का असर, अमेरिका में 15 लाख घट गई आप्रवासियों की संख्या
भारत ने दी थी प्रतिक्रिया
भारत ने अमेरिका के इस कदम को 'अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैर-वाजिब' बताया है। इससे कपड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे कई क्षेत्र प्रभावित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत अपने किसानों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, 'मुझे पता है कि मुझे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं किसानों के लिए ऐसा करने को तैयार हूं।' हेली ने जोर देकर कहा कि भारत और अमेरिका को आपसी सहयोग और दोस्ती को मजबूत रखना चाहिए ताकि दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकें।