logo

ट्रेंडिंग:

'ब्राह्मण रूसी तेल से मुनाफा कमा रहे,' यह कैसा दावा कर रहे पीटर नवारो?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि अमेरिकी अधिकारी भी भारत के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक करीबी अधिकारी पीटर नवारो ने भी ऐसा ही कुछ कहा है।

Doonald Trump

डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापारिक सलाहकार पीटर नवारो। (Photo Credit: White House)

रूस और यूक्रेन को सीधे तौर पर 'मोदी का युद्ध' बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापारिक सलाहकार पीटर नवारो ने फिर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने नई दिल्ली को क्रेमलिन का धोबीघाट कहा है, साथ में यह भी कहा है कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत, रूस से तेल खरीद रहा है। उनका यह बयान ऐसे वक्त में आ रहा है, जब शंघाई सहयोग संगठन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिल रहे हैं।

पीटर नवारो ने कहा है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के 50 फीसदी टैरिफ को भारत के लिए सही बताते हुए कहा है कि आम भारतीयों के खर्च पर ब्राह्मणों को लाभ मिल रहा है। उनका इशारा भारत के अभिजात्य वर्ग की ओर था। पीटर नवारो ने इन दिनों भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, वह भी डोनाल्ड ट्रम्प के इशारे पर ही बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें: यूक्रेन जंग को 'मोदी का युद्ध' बताने वाले पीटर नैवारो कौन हैं?

 

पीटर नवारो:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महान नेता हैं। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि वह शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन से मिल क्यों रहे हैं, जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि मैं चाहता हूं कि भारतीय समझें कि क्या हो रहा है। ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर रूसी तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहे हैं।

पीटर नवारो ने यह क्यों कहा है?

पीटर नवारो का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब भारत और रूस ज्यादा नजदीक आ रहे हैं। भारत, अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भी रूस से तेल खरीदता है। डोनाल्ड ट्रम्प को ऐतराज है कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला है, यूक्रेन में तबाही मचा रहा है तो भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है। अब उन्होंने शंघाई में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से मिलने को लेकर पीटर नवारो ने पीम मोदी को सवालों के घेरे में लिया है। 

 

यह भी पढ़ें: मोदी-जिनपिंग मीटिंग: वीजा से व्यापार तक, किन-किन मुद्दों पर सहमति बनी

'महान लोकतंत्र भारत, तो जिनपिंग-पुतिन से क्यों मिल रहे पीएम मोदी'

पीटर नवारो ने सवाल उठाया है कि अगर भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से क्यों मिल रहा है। दोनों लोकतांत्रिक सरकार का हिस्सा नहीं है। रूस के राष्ट्रपति के तौर पर व्लादिमीर दशकों से टिके हुए हैं, शी जिनपिंग भी आजीवन राष्ट्रपति रहने वाले हैं। दोनों देश कम्युनिस्ट देश हैं, जिनकी नीतिया साम्राज्यवादी रही हैं।  

 

यह भी पढ़ें: सीमा पर तनातनी, व्यापार पर साथ भारत-चीन, मजबूरी है या रणनीति? समझिए

ट्रंप के इशारे पर बयानबाजी कर रहे पीटर नवारो 

हाल के दिनों में, डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत के रूसी तेल खरीदने पर बार-बार निशाना साधा है, जिससे 50 फीसदी टैरिफ को सही ठहराया जा सके। फॉक्स न्यूज के एक इंटरव्यू में उनसे जब टैरिफ पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भारत पर 50% और चीन पर 50% से अधिक शुल्क है, लेकिन अमेरिका को खुद को नुकसान पहुंचाए बिना शुल्क बढ़ाने की सीमा पर विचार करना होगा। 

 

यह भी पढ़ें: दोस्ती पर सबकी निगाहें टिकीं, चीन से दुश्मनी याद है?

पीटर नवारो ने कहा है कि 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले भारत रूसी तेल नहीं खरीदता था। अब, भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे यूरोप, अफ्रीका और एशिया में ऊंचे दामों पर बेचते हैं, जिससे रूस को मदद मिलती है। उन्होंने भारत को 'क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट' और 'महाराजा ऑफ टैरिफ्स' करार दिया। पीटर नवारो ने पीएम मोदी को महान नेता बताकर निशाना साधा और सवाल किया कि वह शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन से मिल क्यों रहे हैं। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap