अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी पीटर नैवारो ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। चीन के तियानजिन में SCO समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की केमिस्ट्री पर पीटर नैवारो ने अपनी भड़ास निकाली है। इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है और इस मुलाकात को 'अधिनायकवादियों का गठजोड़' बताया है।
पीटर नैवारो व्हाइट हाउस में ट्रेड एडवाइजर हैं और ट्रंप के काफी करीबी हैं। नैवारो कई दिन से भारत और पीएम मोदी पर हमला कर रहे हैं। उनके यह बयान ऐसे वक्त आ रहे हैं, जब ट्रंप के 50% टैरिफ की वजह से भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव आ गया है।
अब जब चीन में पीएम मोदी, जिनपिंग और पुतिन की मुलाकात हुई तो नैवारो ने कहा कि भारत को अमेरिका की जरूरत है, न कि रूस की। उन्होंने भारत से रूस से सस्ता तेल न खरीदने को कहा है।
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पीएम मोदी पर क्या बोले नैवारो?
पुतिन और जिनपिंग के साथ मुलाकात पर पीटर नैवारो ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है। नैवारो ने कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी को दुनिया के दो सबसे बड़े तानाशाह- पुतिन और जिनपिंग के साथ गठजोड़ करते देखना शर्मनाक था।'
नैवारो ने कहा, 'इस मुलाकात का कोई मतलब नहीं है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या सोच रहे हैं? हमें उम्मीद है उन्हें यह समझ आ जाएगा कि उन्हें रूस के साथ नहीं, बल्कि हमारे साथ, यूरोप और यूक्रेन के साथ रहना चाहिए।'
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और क्या बोले नैवारो?
व्हाइट हाउस के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीटर नैवारो ने कहा, 'मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन मुझे समझ नहीं आता है कि वे पुतिन और जिनपिंग के साथ क्यों घुल-मिल रहे हैं, जबकि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं।'
वित्त मंत्री ने भी निकाली भड़ास
इससे पहले अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी SCO समिट और पीएम मोदी की पुतिन और जिनपिंग के साथ मुलाकात पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने SCO समिट को 'दिखावा' बताया।
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्कॉट बेसेंट ने कहा, 'यह एक लंबे समय से चली आ रही बैठक, जिसे SCO कहा जाता है और मुझे लगता है कि यह काफी हद तक दिखावा है। मुझे लगता है कि आखिरकार भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और उनके मूल्य हमारे ज्यादा करीब हैं।'
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूस की वॉर मशीन को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रूस से सस्ता तेल खरीदकर भारत उसे बेच रहा है और मुनाफा कम रहा है। वहीं, भारत और अमेरिका के बिगड़ते संबंधों पर बेसेंट ने कहा, 'भारत और अमेरिका के रिश्तों की नींव मजबूत हैं और दोनों मिलकर इसे सुलझा लेंगे।'