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पत्रकार बेटे ने पूछे सवाल, शशि थरूर बोले- यह अलाउड नहीं होना चाहिए

बतौर जर्नलिस्ट ईशान थरूर ने जब अपने पिता शशि थरूर से सवाल किया तो उन्होंने तीन कारण गिनाते हुए पाकिस्तान की पोल खोल दी। पिता और बेटे के सवाल-जवाब का एक वीडियो भी सामने आया है।

Shashi Tharoor

शशि थरूर। (Photo Credit: X@ShashiTharoor)

क्या किसी देश ने पहलगाम अटैक में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत मांगे, क्योंकि वह तो बार-बार इससे इनकार करता आ रहा है? यह सवाल जब ईशान थरूर ने पूछा तो उनके पिता और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जवाब दिया, 'अर पाकिस्तान के खिलाफ सबूत नहीं होते तो भारत इतना बड़ा ऐक्शन नहीं लेता।' 


बेटे ईशान थरूर के सवाल पर पिता शशि थरूर के जवाब का यह वीडियो न्यूयॉर्क से सामने आया है। शशि थरूर उस ऑल पार्टी डेलिगेशन को लीड कर रहे हैं, जो पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब कर कर रहा है। 


पेशे से पत्रकार ईशान जब सवाल पूछने के लिए खड़े हुए तो शशि थरूर ने मजाक करते हुए कहा, 'यह अलाउड नहीं होना चाहिए। ये मेरा बेटा है।' इसके बाद ईशान ने भी मजाकिया अंदाज में अपने पिता से सवाल पूछने की इजाजत मांगी और फिर सवाल दाग दिया। अपने बेटे के सवाल का जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा, 'मुझे बहुत खुशी है कि आपने यह मुद्दा उठाया।' उन्होंने यह भी बताया कि अब तक किसी देश ने पाकिस्तान के शामिल होने का सबूत नहीं मांगा। हालांकि, उन्होंने कहा, 'किसी को कोई शक नहीं था। हमसे सबूत नहीं मांगे गए थे। मीडिया ने दो-तीन बार जरूर पूछा। मैं बहुत साफ कहना चाहता हूं कि अगर सबूत नहीं होते तो भारत ने ऐसा कुछ नहीं किया होता।'

 

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शशि थरूर ने गिनाए तीन कारण

आतंकवाद में पाकिस्तान का हाथ होने के बारे में विस्तार से बताते हुए शशि थरूर ने 37 साल में हुए आतंकी हमलों के पैटर्न को उजागर किया। उन्होंने तीन कारण भी गिनाए।

  • पहलाः 'पाकिस्तान की ओर से लगातार 37 साल से आतंकी हमलों का सिलसिला चला आ रहा है। इसके साथ ही वह बार-बार इनकार भी करता रहा है। मेरा मतलब यह है कि अमेरिकी यह नहीं भूले हैं कि पाकिस्तान को कथित तौर पर नहीं पता था कि ओसामा बिन लादेन कहां है? जब तक कि उसे एक मिलिट्री कैंप के ठीक बगल में सुरक्षित घर में नहीं पाया गया। मुंबई हमले पर उन्होंने कहा कि इससे कोई लेना-देना नहीं है। एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ा गया। उसका नाम, पहचान और पता पाकिस्तान में है। उसने हमें बताया था कि उसे कहां ट्रेनिंग मिली थी। हम जानते हैं कि पाकिस्तान क्या करता है। वे आतंकवादियों को भेजेंगे। वे तब तक इनकार करेंगे जब तक कि वे रंगे हाथों पकड़े नहीं जाते।'
  • दूसराः 'द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF), जिसे लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी माना जाता है, उसने 45 मिनट के अंदर पहलगाम अटैक की जिम्मेदारी ली। TRF को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया है। उसे पाकिस्तान के मुरीदके शहर में सुरक्षित पनाह मिली है। भारत ने पहले ही दिसंबर 2023 और फिर 2024 में संयुक्त राष्ट्र के सामने TRF के खिलाफ सबूत दिए हैं। चूंकि पाकिस्तान भी समिति का सदस्य था, इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने TRF को लिस्टेड नहीं किया। जब TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली, तब दुनिया को इसके बारे में पता भी नहीं था, इसलिए यह अपने आप में एक बड़ा सबूत है।'
  • तीसराः 'भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। अगले दिन इनके जनाजे निकले, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयाब से जुड़े आतंकियों के जनाजे भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर तस्वीरें आईं, जिसमें इन जनाजों में वर्दी में पाकिस्तानी जनरल और पुलिस अधिकारी शामिल होते हुए दिखाई दिए थे।'

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कौन हैं ईशान थरूर?

ईशान थरूर ने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वह पेशे से पत्रकार हैं। उन्हें 2021 में ऑर्थर रॉस मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। ईशान वॉशिंगटन पोस्ट में फॉरेन अफेयर्स पर कॉलम लिखते हैं। वे टुडेज वर्ल्ड व्यू में एंकर भी हैं। 2021 में उन्होंने अमेरिकन एकेडमी ऑफ डिप्लोमेसी ने ऑर्थर रॉस मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया था। ईशान पहले टाइम मैग्जीन में सीनियर एडिटर और करेस्पोंडेंट भी रह चुके हैं। वह अक्सर जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में डिजिटल अफेयर्स एंड द ग्लोबल एज पर सेमीनार भी करते रहते हैं।

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम अटैक

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। 


इस हमले के बाद 6 और 7 मई की रात को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 9 ठिकानों को उड़ा दिया था। इस हमले में ग्लोबल टेररिस्ट मसूद अजहर के परिवार के भी 10 लोग मारे गए थे।


ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर पाकिस्तान की सेना ने भारत में सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमला किया था, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से घबराकर 10 मई को पाकिस्तान ने सीजफायर की पहल की। इसके बाद 4 दिन तक चला सैन्य संघर्ष खत्म हो गया था। हालांकि, तनाव अब भी बना हुआ है।

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