वेज और नॉन वेज खाने को लेकर सभी की अपनी अपनी राय है। कुछ लोगों को लगता हैं कि वेज से ज्यादा प्रोटीन नॉन वेज चीजों में मिलता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना नॉन वेज फूड में खासतौर से रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट खाना सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ये चीजें उन लोगों के और ज्यादा नुकसानदायक है जो पहले से ही बीमारियों से हार्ट, लिवर, टाइप 2 डायबिटीज बीमारियों से पीड़ित हैं। ब्रिटिश की यूनिवर्सिटी ऑफ आक्सफोर्ड ने 4. 75 लाख लोगों पर 8 साल तक स्टडी की है।
इस स्टडी में पाया गया कि लगातार मीट का सेवन करने से हृदय रोग, लिवर में परेशानी, टाइप 2 डायबिटीज और पाचन संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्टडी में उन स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में भी बताया गया है जिनके लिए मीट खाना नुकसानदायक होता है। स्टडी से यह परिणाम निकला कि लंबे समय तक शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्लांट बेस्ड चीजों का सेवन करें और मीट को नियमित मात्रा में खाना चाहिए। यह स्टडी BMC Medicine में प्रकाशित हुई है।
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मीट खाने से सेहत को होता है नुकसान
स्टडी में बताया गया है कि जो लोग हफ्ते में तीन बार से ज्यादा रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट खाते थे उनमें दिल की बीमारियां, टाइप-2 डायबिटीज, लिवर की समस्या, निमोनिया और पाचन से जुड़ी दिक्कतों का खतरा ज्यादा है। जबकि जो लोग अधिक मात्रा में चिकन खाते थे उनके पेट और पित्ताशय में दिक्कतों का खतरा बढ़ जाता है लेकिन साथ ही इनमें आयरन की कमी का खतरा कम पाया गया। अगर कोई व्यक्ति ओवरवेट या मोटापे का शिकार है तो ज्यादा मीट खाने से दिक्कत और ज्यादा बढ़ सकती है।

इन लोगों को रहना चाहिए सावधान
हृदय की बीमारी- रेड और प्रोसेस्ड मीट में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है। यह फैट और कोलेस्ट्रॉल आपके दिल की धमनियों में जमने लगता है जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं। इस वजह से ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको पहले से हृदय रोग या ब्लड प्रेशर की समस्या है तो रोजाना नॉन वेज खाने से आपकी हालत बिगड़ सकती है।

टाइप 2 डायबिटीज- रोजाना रेड या प्रोसेस्ड मीट खाने से इंसुलिन पर प्रभाव पर पड़ता है। इंसुलिन हमारे शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। रोजाना मीट खाने से डायबिटीज के मरीज को नसों को नुकसान पहुंचता है जिस वजह से किडनी और आंखों पर प्रभाव पर पड़ता है।
लिवर पर पड़ता है प्रभाव- लिवर मीट में मौजूद प्रोटीन और फैट को पाचने में मदद करते हैं लेकिन जिन लोगों को फैटी लिवर या हेपेटाइटिस की बीमारी हैं उनके लिए रोजाना मीट खाना नुकसानदायक हो सकता है। इससे लिवर पर दबाव पड़ता है और सही तरीके से काम नहीं कर पाता है।
मोटापा- रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट में सैचुरेटेड फैट अधिक मात्रा में होता है जिस कारण कैलोरी से भरपूर होते हैं। मोटापा अपने आप में बीमारियों का घर है। अगर आप मोटापे से जूझ रहे हैं तो अधिक मात्रा में मीट खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
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हेल्दी रहने के लिए प्लांट बेस्ड डाइट लें
स्टडी में बताया गया कि जानवरों को बीमारियों से बचाने और तेजी से बढ़ने के लिए एंटी बॉयोटिक्स दिए जाते हैं। मीट खाने की वजह से ये एंटी बॉयोटिक्स इंसानों के शरीर में पहुंच जाते हैं। यह एंटीबॉयोटिक रसिस्टेंस को बढ़ावा देते हैं जिससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा स्टडी में बताया गया कि अधिक रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट खाने से बड़ी आंत का कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर और पाचन तंत्र से जुड़ा कैंसर हो सकता है। प्रोसेस्ड मीट में प्रिर्जवेटिव का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए उन्हें खाने से बचना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए मीट को नियंत्रित मात्रा में खाएं और प्लांट बेस्ड चीजों का सेवन करें।