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परेश ने चोट ठीक करने के लिए पिया था अपना यूरिन, क्या ऐसा करना सही है?

परेश रावल ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने अपने घुटने की चोट को ठीक करने के लिए 15 दिनों तक अपना यूरिन पिया था। आइए डॉक्टर से जानते हैं क्या ऐसा करना चाहिए।

drinking urine not healthy

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

परेश रावल बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता हैं। उन्होंने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह फिल्म 'घातक' के सेट पर गिर गए थे और घुटने में चोट आई थी। उन्हें नानावटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में उन्हें बॉलीवुड के एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन ने सलाह दी थी कि अगर तुम सुबह उठकर अपना फर्स्ट यूरिन पीओगे तो जल्दी ठीक हो जाओगे। सब फाइटर लोग ऐसा करते हैं। कभी कोई दिक्कत नहीं रहेगी।

 

उन्होंने कहा, 'मैंने 15 दिनों तक अपना यूरिन पिया और जब डॉक्टर ने एक्स रे निकाला तो उन्होंने कहा कि ये सीमेंटिंग कैसे हो गई। एक्स रे में व्हाइट लाइन दिख रही थी। जो मैं 2 या ढाई महीने में अस्पातल से निकलने वाला था। वहां मैं एक या डेढ़ महीने बाद मैं चलने लग गया'। परेश रावल से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भी अपने इंटरव्यू में कहा था वह अपना मूत्र पीते हैं।

 

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क्या है यूरिन थेरेपी

 

वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ने अपनी किताब ‘भारत के प्रधानमंत्री’ में लिखा है कि मोरारजी देसाई ने अपने फिटनेस और निरोग रहने का श्रेय दो बार खुद के मूत्र के सेवन को दिया है। आयुर्वेद में इसे शिवाम्बु कहा गया है। भारत से बाहर इसे यूरोफेजिया नाम दिया दिया। वहीं, कुछ लोग इसे यूरीन थेरेपी भी कहते हैं। कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने अपने वीडियो में किया है कि अपना मूत्र पीने से इम्यून सिस्टम अच्छा होता है। इसके अलावा यह आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। हालांकि साइंस ने कभी इन बातों का समर्थन नहीं किया है। हमने लखनऊ के.के अस्पताल के ईएमओ (EMO) डॉक्टर चंडीकेश शुक्ला से इस बारे में बात की।

 

डॉक्टर ने कहा, 'यूरिन पीना सेहत के लिए नुकसानदायक है'

 

डॉक्टर चंडीकेश शुक्ला ने कहा, 'यूरिन में टॉक्सिक चीजें शामिल होती है। उसको पीने का मतलब है कि आप अपने शरीर में अधिक मात्रा में टॉक्सिन को डाल रहे हो। यह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। यूरिन में यूरिया, क्रिएटिनिन और यूरिक एसिड होता है। अगर यह चीजें बॉडी में इकट्ठा होने लगेंगी तो इससे किडनी पर अधिक प्रेशर पड़ता है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। जिन लोगों का यूरिन पास नहीं होता है। ऐसे में उसे शरीर से निकलाने के लिए हीमोडायलिसिस किया जाता है'।  

 

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उन्होंने आगे कहा, 'अगर ये फायदेमंद होता तो यूरिन को बाहर निकालने के लिए हीमोडायलसिस करके बाहर क्यों निकाला जाता। यूरिक एसिड जब शरीर में ज्यादा हो जाता है तो ज्वाइंट में दर्द, मांस पेशियों में दर्द की परेशानी रहती है। जब तक ये चीजें लिमिट में हैं आपको नुकसान नहीं पहुंचेगा'।

 

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