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क्या होता है फेरिटिन टेस्ट? महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है?

महिलाओं को अक्सर थकान और कमजोरी की शिकायत रहती है। वे अक्सर इन लक्षणों को इग्रोर कर देती है जो बाद में एनीमिया का कारण बनता है। आइए समझते हैं कैसे?

 ferritin test

फेरिटिन टेस्ट (Photo Credit: freepik)

महिलाएं अपने घर, काम और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करने के चक्कर में अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देती है। महिलाएं अक्सर कमजोरी, थकान और बाल झड़ने के लक्षण को सामान्य मानती है लेकिन ये छोटी-छोटी चीजें कई बार आयरन की कमी को दर्शाती है। दुनियाभर में 20 से 25% महिलाओं में आयरन की कमी पाई जाती हैं। यहां पर फेरिटिन टेस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह टेस्ट शरीर में आयरन की कमी की जानकारी देता है। आइए जानते हैं क्या होता है फेरेटिन टेस्ट और महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है?

 

फेरिटिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो शरीर में आयरन को जमा करके रखता है और जरूरत पड़ने पर निकालता है। लोग एनीमिया की जांच के लिए हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाते हैं। कई बार महिलाओं में हीमाग्लोबिन का स्तर सामान्य होता है लेकिन उसके बावजूद कमजोरी और थकान महसूस करती है। क्या आपने सोचा हैं ऐसा क्यों होता है?

 

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महिलाओं को क्यों करवाना चाहिए फेरिटिन टेस्ट?

पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के समय महिलाओं में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। जिन महिलाओं को अक्सर थकान, कमजोरी, पैरों में बेचैनी की समस्या रहती है। उनके लिए यह टेस्ट बहुत जरूरी है। यह टेस्ट पता लगाने में मदद करता है कि थकान केवल जीवनशैली, तनाव की वजह से है या फिर शरीर में सच में आयरन की कमी है। 

 

लो फेरेटिन का मतलब सिर्फ एनीमिया नहीं होता है। यह आपके मेंटल हेल्थ, बालों की ग्रोथ, इम्यूनिटी और थायराइड को प्रभावित करता है। अगर फेरिटिन का लेवल बहुत ज्यादा है तो शरीर में अंदरुनी सूजन हो सकती है जिसके कारण गंभीर बीमारी हो सकती है। महिलाओं में उनके फेरिटिन का लेवल कम होने से प्रेग्नेंसी में कॉम्पिलेशन हो सकती है। यह सिर्फ टेस्ट नहीं है। यह आपको भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है।

 

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आयरन से जुड़ा मिथ

लोगों को लगता है कि बैंलेस डाइट लेने से आयरन की कमी पूरी हो जाती लेकिन सच यह नहीं है। कई महिलाएं हरी सब्जियों पर निर्भर रहती हैं जिसमें नॉम हीमो आयरल होता है। यह आयरन आसानी से शरीर में एब्जॉर्ब नहीं हो पाता है। यहां तक कि जो महिलाएं मांसाहार का सेवन करती है। वे भी आयरन को एब्जॉर्ब नहीं कर पाती क्योंकि वे चाय और कॉफी ज्यादा मात्रा में पीती हैं। चाय और कॉफी आयरन के एब्जॉर्प्शन को रोकते हैं। ऐसी स्थिति में फेरिटिन टेस्ट मददगार साबित होता है।

 

 

 

 

 

 

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