देशभर के विभिन्न राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। भले ही बारिश में गर्मी से राहत मिलती है लेकिन इसके साथ कई परेशानियां भी आती है। कभी चिलचिलाती धूप तो कभी बारिश होने लगती है। ऐसे मौसम में नमी अधिक होती है जिस कारण से मौसमी संक्रमण और त्वचा संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में कपड़ों पर भी खास ध्यान देना होता है।
लोग बारिश के हिसाब से कपड़े पहनते हैं क्योंकि उसम अधिक होती है और शरीर से पसीना भी नहीं सूखता है। इसलिए बारिश में कॉटन और लिनेन के कपड़े पहनने चाहिए। इस मौसस में नॉयलन, साटन, पॉलिस्टर मिक्स, सिंथेटिक और वेलवेट के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इन फैब्रिक के कपड़ों को पहनने से इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
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बारिश में पहने ढीले कपड़ें
मॉनसून में आपको टाइट की बजाय ढीले कपड़े पहनने चाहिए। ढीले कपड़े शरीर में चिपकते नहीं है और आप तरोताजा महसूस करते हैं। गर्मी की तरह बारिश में भी लाइट कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि हवा में उमस ज्यादा होती है जिस वजह से पसीना ज्यादा आता है। डॉर्क की बजाय हल्के रंग के कपड़े पहनें। हल्के रंग के कपड़े आंखों की भी सुकून देते हैं।
गीले कपड़े पहनने के नुकसान
खांसी- झुकाम- बारिश के मौसम में ज्यादा देर तक गीले कपड़े पहनने से बीमार पड़ सकते हैं। इस मौसम में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जिस वजह से सर्दी जुकाम हो सकता है। ज्यादा देर तक गीले कपड़े पहने रहने से बुखार भी हो सकता है।
त्वचा संक्रमण -इस मौसम में ज्यादा देर तक गीले कपड़े पहनने से रेडनेस, रैशेज, खुजली की समस्या हो सकती है।
योनी संक्रमण- लंबे समय तक गीले अंडरवियर पहनने से योनी में जलन, रेडनेस और रैशेज की समस्या हो सकती है। दरअसल गीले अंडरवियर पहनने से वेजाइनल एरिया में नमी की वजह से पीएच लेवल पर फर्क पड़ता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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बचाव के तरीके
- बारिश में भीगने के बाद घर आकर तुरंत कपड़े बदलें।
- बारिश में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए फल और सब्जियों का सेवन करें।
- घर से बाहर निकलते समय छाता लेकर जाएं।
- अगर आप ट्रैवल कर रहे हैं तो रेनकोट का इस्तेमाल करें।