ईडी की रडार पर बिजनेसमैन करण दीप सिंह एक बार फिर आए हैं। उनके स्वामित्व वाली दो अचल संपत्तियों पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। अल्केमिस्ट और ओजस हॉस्पिटल में उनके 127.33 करोड़ रुपये के शेयर की जब्ती हुई है। जांच एजेंसी ने अल्केमिस्ट ग्रुप और प्रमोटरों के खिलाफ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की जांच की है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। करण दीप सिंह पंचकूला में रहते हैं।
करण दीप सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद और अल्केमिस्ट समूह के संस्थापक कंवर दीप सिंह के बेटे हैं। कंवर दीप सिंह साल 2010 से 2014 तक तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे हैं। वह अब उन्होंने टीएमसी छोड़ दी है। अल्केमिस्ट ग्रुप के खिलाफ ईडी जांच कर रही है।
अल्केमिस्ट ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के संगीन आरोप हैं। CBI ने भी इस ग्रुप के खिलाफ केस दर्ज किया था। यूपी पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी अल्केमिस्ट ग्रुप के खिलाफ कई FIR दर्ज कीं हैं, जिसके बाद ईडी ने अब जांच का मोर्चा संभाला है।
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क्या है यह केस, क्यों निशाने पर करणदीप?
FIR में आरोप लगाया गया है कि अल्केमिस्ट ग्रुप ने फ्लैट, विला, प्लॉट और हाई रिटर्न का झूठा वादा किया, निवेशकों को लुभाकर धोखाधड़ी की। ग्रुप ने कई कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट योजनाएं चलाईं और लोगों के भरोसे को तोड़ा। निवेश योजनाओं में भ्रामक और झूठे ऑफर दिए गए, जिसमें फंसकर लोगों ने करोड़ों रुपयों का निवेश किया। अल्केमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और अल्केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड ने अवैध रूप से निवेशकों से करीब 1,848 करोड़ रुपये वसूल लिए। बाद में गैरकानूनी तरीके से इस धनराशि का इस्तेमाल किया गया।
ED की जांच में क्या सामने आया?
ED ने जब केस की जांच शुरू की तो एक-एक कर राज खुलने लगे। निवेशकों के पैसों को ग्रुप की दूसरी संस्थाओं से जुड़े व्यापार में लगाया गया, जिसका मकसद इन पैसों को ब्लैक से व्हाइट बनाना था। इस काले धन का इस्तेमाल शेयरों को खरीदने में किया गया। इसी धन से अल्केमिस्ट अस्पताल और ओजस अस्पताल को तैयार किया गया। सार्वजनिक निवेशकों को कभी भी उनका पैसा मिला ही नहीं। जो रुपये निवेशकों से वसूले गए थे, उसे अलकेमिस्ट ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया। इसके 37.24 प्रतिशथ शेयर, सोरस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड में लगाए गए। यह करण दीप सिंह की स्वामित्व वाली कंपनी है।
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कैसे निशाने पर आए कंवर दीप सिंह?
पूर्व सांसद कंवर दीप सिंह की फर्म अलकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड के खिलाफ ईडी ने सितंबर 2016 में जांच शुरू की थी। जांच एजेंसी ने सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की ओर से कंपनी, उसके निदेशकों और कई अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कंपनी के खिलाफ ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया।
जनवरी 2021 में ईडी ने कंवर दीप सिंह को गिरफ्तार किया। आरोप है कि वह गैरकानूनी तरीके से एक अवैध निवेश योजना चला रहे थे। इसे पोंजी और चिट फंड योजना के तौर पर भी जाना जाता है। साल 2015 से पहले ही इस स्कीम के लिए करोड़ों रुपये लोगों को झांसा देकर वसूले गए थे।
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अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
PMLA के तहत केस की जांच हो रही है। मार्च 2024 में ईडी ने तृणमूल कांग्रेस से जुड़े 10.29 करोड़ रुपये भी कुर्क किए थे। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी ने अपने स्टार प्रचारकों पर पैसे खर्च किए थे। इनमें ममता बनर्जी, मुकुल रॉय, मुनमुन सेन और नुसरत जहां जैसे सितारे शामिल रहे हैं।
कहां तक जुड़े हैं इस ठगी के तार?
अलकेमिस्ट ग्रुप के फर्जीवाड़े के शिकार हरियाणा से लेकर हिमाचल प्रदेश तक के लोग हैं। ईडी की जांच में यह सामने आया था कि हरियाणा के पंचकूला में पार्श्वनाथ रॉयल प्रोजेक्ट में भी अलकेमिस्ट रियल्टी लिमिटेड की हिस्सेदारी है। करीब 18 फ्लैट इसी समूह के हैं। दूसरी तरफ सिरमौर के क्योंथल में करीब 250 और 78 बीघे जमीन भी इसी ग्रुप से जुड़े हैं। ईडी ने इन संपत्तियों को अटैच किया था। इस ग्रुप की जमीनें मध्य प्रदेश में भी हैं।