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3500 करोड़ का आबकारी स्कैम, जगन रेड्डी का नाम, CID जांच पर हंगामा

CID जांच में यह सामने आया है कि घूस के तौर पर हर महीने 50 से 60 करोड़ रुपये प्रति महीने लिए गए। जून 2019 से लेकर मई 2024 के बीच आबकारी नीति को लेकर नया घोटाला सामने आया है।

Jagan Mohan Reddy

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी। (Photo Credit: Jagan/X)

आंध्र प्रदेश की आबकारी नीतियों पर हुई सीआईडी जांच में एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जो पूर्व सीए वाईएस जगन रेड्डी की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। 3500 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले की जांच में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का नाम सामने आया है। जांच में पाया गया कि जगन उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें कथित तौर पर रिश्वत मिली थी। हालांकि सीआईडी ने अभी तक उन्हें इस मामले में आरोपी के रूप में नामित नहीं किया है।

सीआईडी ने शनिवार को विजयवाड़ा की एक अदालत में इस मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल की, जिस पर अदालत ने अभी संज्ञान नहीं लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जून 2019 से मई 2024 के बीच कुछ कंपनियों और सप्लायरों को फायदा पहुंचाने वाली शराब नीति की वजह से हर महीने 50 से 60 करोड़ रुपये की रिश्वत सामने आई। जांच में यह सामने आया है कि मुख्य आरोपी केसी रेड्डी राजशेखर रेड्डी ने इस रिश्वत को शेल कंपनियों के जाल के जरिए बांटा है।

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कैसे जगन रेड्डी तक पहुंचती थी रकम?

जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घूस की रकम वाईएसआरसीपी नेताओं और वी विजयसाई रेड्डी और पीवी  मिधुन रेड्डी के जरिए जगन मोहन रेड्डी तक कथित तौर पर पहुंचाई गई। राजशेखर रेड्डी,  जगन रेड्डी के पूर्व आईटी सलाहकार हैं। आरोप हैं कि उन्होंने ही शेल कंपनियां बनाई हैं। एक अन्य आरोपी बालाजी गोविंदप्पा के जरिे रिश्वत की राशि जगन रेड्डी तक पहुंचाई गई। 


किन नेताओं का नाम सामने आया है?

पूर्व राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी और राजमपेट से मौजूदा सांसद मिधन रेड्डी  पर आबकारी नीति में हेरफेर के आरोप लगे हैं। आरोप है कि इन नेताओं की वजह से आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (APSBCL) में वफादार लोगों को नियुक्त किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि ऑटोमैटिक ऑर्डर फॉर सप्लाई (ओएफएस) प्रक्रिया को मैनुअल में बदलने में इनकी भूमिका थी।

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CID जांच के मुताबिक राजशेखर रेड्डी ने वाईएसआरसीपी के लिए 250-300 करोड़ रुपये नकद चुनावों के लिए जुटाए और 30 से अधिक शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। इस राशि को जमीन, सोना, और दुबई और अफ्रीका में लक्जरी संपत्तियों में निवेश किया गया। जांच में कम से कम 60 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि जब्त की गई है।

क्या है YSRCP की सफाई?

YSRCP का कहना है कि यह राजनीतिक साजिश है। टीडीपी सरकार की यह पहल राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए है। वाईएसआरसीपी कॉर्डिनेटर सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने रविवार को कहा, 'यह पूरी तरह से एक राजनीतिक साजिश है, जिसका मकसद लोगों के साथ खड़े होने वालों को चुप कराना है। यह कथित शराब घोटाला मीडिया में हंगामा मचाने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बनाया गया काल्पनिक नैरेटिव है। यह मामला दबाव, धमकी, थर्ड डिग्री टॉर्चर और रिश्वत के जरिए जबरन बयानों पर आधारित है।'

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रामकृष्ण रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू स्वयं शराब घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'जगन ने शराब व्यापार को निजी हाथों से सरकारी नियंत्रण में लाकर कीमतों को नियंत्रित किया, जबकि नायडू ने इसे निजी हाथों में छोड़कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।'

हंगामा क्यों बरपा है?

शनिवार को तीन बार के सांसद पीवी मिधुन रेड्डी की गिरफ्तारी हुई। उनकी पार्टी ने कहा कि जबरन दिलाए गए बयानों की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है। जगन रेड्डी ने भी इस गिरफ्तारी को गलत कहा। टीडीपी सरकार की आलोचना की। अब इस पर सियासी हंगामा बरपा है। 

 

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