भारत में कई बैंक फ्रॉड में शामिल अंगर सिंह चंडोक को अमेरिका ने भारत डिपोर्ट कर दिया है। उस पर अमेरिका में भी बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट चलाने का आरोप है। CBI की टीम उसे अमेरिका से भार लेकर आई है। वह भारत में हुए कई बैंक फ्रॉड के केस में शामिल रहा है। वह कैलिफोर्निया में रहता था, उसे अमेरिकी अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने के आरोप में 6 साल की सजा सुनाई थी। उस पर इंटनेशनल टेक सपोर्ट और साइबर फ्रॉड के जरिए करोड़ों के घोटाले के आरोप हैं।
अंगद सिंह चंडोक ने उसने ट्रैवेल स्कैम में कई लोगों को ठगा था फिर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलता था। अंगद सिंह चंडोक के निशाने पर ज्यादातर बुजुर्ग होते थे, जिन्हें वह साइबर धोखादड़ी में फंसा लेता था। उसने फर्जी कंपनियां बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया। उसने बुजुर्ग अमेरिकियों को झांसे में लिया था।
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इंटरनेशनल फ्रॉड में था शामिल
मार्च 2022 में उनसे कोर्ट के सामने अपना गुनाह कबूला था, उसे 6 साल की सजा हुई थी। शरण मांगने के बावजूद, सीबीआई, अमेरिकी न्याय विभाग और होमलैंड सिक्योरिटी के संयुक्त प्रयासों से भारत लाया गया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने साल 2022 में एक बयान जारी किया था, जिसमें अंगद सिंह चंडोक के गुनाहों का कच्चा-चिट्ठा तैयार किया गया था। वह इंटरनेशनल फर्जीवाड़े में शामिल था।
कैसे ठगता था अंगद सिंह चंडोक?
अंगद सिंह चंडोक ने फर्जी कंपनियों और अमेरिकी वीजा पर रह रहे भारतीय छात्रों का इस्तेमाल कर 1.5 मिलियन डॉलर से ज्यादा की चोरी की रकम को अपने खातों में ट्रांसफर किया। महज एक महीने में 9.3 लाख डॉलर शामिल थे। यह रकम रोड आइलैंड और मैसाचुसेट्स के लोगों से ठगा गया था।
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भारत ने घोषित किया था भगोड़ा
CBI ने अंगद सिंह चंडोक को भारत में बैंक धोखाधड़ी के केस में भगोड़ा घोषित किया था। सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि यह वर्षों की कूटनीतिक और कानूनी कोशिशों का नतीजा है। अब भारत में उसके खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई फिर से शुरू होगी।