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BRICS मेंबर या विशेष दूत? चैतन्यानंद एक, पहचान अनेक, खुल गई पोल

चैतन्यानंद अपने पास कई अलग-अलग तरह के फर्जी दस्तावेज रखते थे। पुलिस ने कई पहचान पत्रों को गिरफ्तारी के बाद बरामद किया है। पढ़ें रिपोर्ट।

Chaitantanand

चैतन्यानंद। (AI Image, Photo Credit: Sora)

दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद के पास से 2 फर्जी पहचान पत्र बरामद किया है। वह शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SRISIIM) संस्थान के प्रबंधक रहे हैं। उन पर यौन शोषण के गंभीर आरोप हैं। 17 से ज्यादा लड़कियों ने अपने साथ यौन दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। दिल्ली पुलिस को दो महीन से चैतन्यानंद की तलाश थी।  

स्वामी चैतन्यानंद, खुद को धर्मगुरु के तौर पर पेश करते थे। उनके नाम से कई फर्जी कार्ड अब तक मिले हैं। वह खुद को विशेष दूत के तौर पर पेश करते थे। उनके कार्ड में उनके नाम के आगे डॉ. भी लगा है। वह खुद को डिलीट. पीएचडी और एमबीए होल्डर भी बताते हैं। वह शिकागो यूनिवर्सिटी से पढ़ने का दावा भी करते हैं।

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राजदूत और BRICS मेंबर के फर्जी कार्ड मिले

  • पुलिस ने दो कार्ड भी बरामद किए हैं। दोनों कार्ड की वजह से वह खुद को विशेष दूत की तरह पेश करते थे और डिप्लोमेटिक सुविधाएं हासिल करते थे। एक कार्ड में उन्होंने अपना परिचय दिया है, उसमें उन्होंने खुद को इंडियन स्पेशल एनवॉय मिशन डी प्रीमियर के कमीशन मेंबर के तौर पर पेश किया है। 

  • पूरा नाम डॉ. स्वामी पार्थसारथी बताया है। बताया है कि वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से पढ़े लिखे हैं, शिकागो से ही पीएचडी की है, डीलिट भी हैं। कार्ड में BRICS का जिक्र किया है। कार्ड को ऐसे पेश कराया गया है, जैसे यह जॉइंट, कमीशन ऑफ ब्रिक्स कंट्रीज लगे। 

  • एक कार्ड और मिला है, जिसे कथित तौर पर ECOSOC की ओर से जारी किया गया है। यूनाइटेड नेशन का लोगो बना है। कार्ड के नीचे लिखा है, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती। इस कार्ड में उसे यूएन का परमानेंट एंबेसडर बताया गया है। दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया है।  

यह भी पढ़ें: 17 लड़कियों से छेड़खानी का आरोप, कौन हैं चैतन्यानंद सरस्वती?

क्या-क्या आरोप हैं?

  • चैतन्यानंद को 17 महिला छात्राओं के यौन उत्पीड़न, वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि वह संस्थान की छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में बुलाते थे, गंदे मैसेज भेजते थे।

  • चैतन्यानंद के अलग-अलग नामों से कई बैंक खाते खोले और FIR दर्ज होने के बाद ₹50 लाख से ज्यादा निकाले। पुलिस ने पहले उसके ₹8 करोड़ की राशि को अलग-अलग खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट में फ्रीज किया था। 

  • पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद 4 अगस्त को FIR दर्ज होने के बाद दिल्ली से भाग गए थे। कई टीमों की मदद से उन्हें आगरा के ताज गंज इलाके में ट्रैक किया गया। रविवार तड़के 3:30 बजे उसे गिरफ्तार किया गया है। 

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