• NEW DELHI 02 Jul 2025, (अपडेटेड 02 Jul 2025, 11:12 AM IST)
देश के कई राज्यों में अचानक हो रही मौतों का सिलसिला बढ़ गया है। लोगों की हंसते-खेलते मौत हो रही है। कर्नाटक के सीएम ने इन मौतों को लेकर कोविड वैक्सीन पर सवाल खड़े किए हैं।
कोविड वैक्सीन। (Photo Credit: SoraGPT)
कर्नाटक में महज 40 दिनों के अंतर पर 23 लोगों ने कार्डियक अरेस्ट की वजह से जान गंवा दी है। देश की एक चर्चित फिल्म अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की 42 साल की उम्र में मौत हो गई। युवा, बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं की अचानक मौत हो रही है। लोग हंसते-खेलते दम तोड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी तमाम खबरें तैर रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि अचानक हो रही मौतों के पीछे कोविड वैक्सीन जिम्मेदार है। हंगामा यहां तक बढ़ गया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अचानक हो रही मौतों की जांच के लिए एक स्वास्थ्य समिति तक बना दी है, जिसकी अध्यक्षता जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज के निदेशक डॉ. सीएन रविंद्रनाथ कर रहे हैं। इन मौतों का सच क्या है, इस पर अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सफाई पेश की है।
भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि ICMR और AIIMS के अध्ययनों में यह साफ हुआ है कि कोविड-19 वैक्सीन और अचानक हो रही मौतों का कोई कनेक्शन नहीं है। लोगों की जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियों की वजह से लोगों की जान जा रही है, न कि कोविड वैक्सीन की वजह से लोगों को कार्डियक अरेस्ट हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी जारी की है। मंत्रालय का कहना है कि कोविड और अचानक हो रही मौतों का दूर-दूर तक कोई कनेक्शन नहीं है। ICMR, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) का कहना है कि कोविड वैक्सीन प्रभावी हैं, स्वास्थ्य पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ता है, लोगों की अचानक हो रही मौतों की वजह जेनेटिक्स, पहले से मौजूद बीमारियां और पोस्ट कोविड बीमारियां भी हो सकती हैं।
ICMR और NCDC ने कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर स्टडी की। 18 से 45 साल तक की उम्र के लोगों को चुना गया. अलग-अलग नजरिए से अध्ययन किया गया लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि कोविड वैक्सीन की वजह से लोगों की मौत हो रही है। ICMR ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) के जरिए 'फैक्टर्स एसोसिएटेड द अनएक्सप्लेंड सडन डेथ अमंग एडल्ट्स एज 18-54 ईयर्स इन इंडिया' नाम से एक स्टडी की। मई से अगस्त 2023 के बीच 43 अस्पतालों के मरीजों पर अध्ययन किया गया। 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पताल इसमें शामिल रहे। यह तथ्य सामने आया कि अचानक हो रही मौतों के पीछे कोविड वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि एक और स्टडी AIIMS, नई दिल्ली में चल रही है। ICMR भी इस स्टडी में शामिल है। युवाओं में हो रही अचानक मौतों और हार्ट अटैक की वजहों को तलाशा जा रहा है। अभी तक की स्टडी में यह सामने आया है कि जेनेटिक म्युटेशन की वजह से लोगों की मौत हो रही है। हालांकि अभी तक स्टडी पूरी नहीं हो पाई है।
कोविड-19 वैक्सीन की वजह से नहीं बल्कि जेनेटिक म्युटेशन, स्वास्थ्य कारण और गंभीर बीमारियों की वजह से लोगों की मौतें हो रही हैं। अब तक अलग-अलग वैज्ञानिक अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि अचानक हो रही मौतों को कोविड वैक्सीन से जोड़कर देखा जा रहा है और मनगढ़ंत बातें की जा रही हैं। वैक्सीन की वजह से करोड़ों लोगों की जानें बची हैं। वैक्सीन के बाद ही कोविड अप्रभावी हुआ है और कोविड भी सामान्य बीमारी बन पाया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता की वजह है वैक्सीन के बारे में फैल रहे भ्रम। नए लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं। जो भी दावे किए जा रहे हैं कि वे भ्रामक हैं। इसकी वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। सरकार केवल साक्ष्यों पर भरोसा करती है। उसे ही मानने की जरूरत है।