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शराब घोटाले से लेकर 'शीशमहल' तक, दिल्ली की CAG रिपोर्ट्स में क्या?

दिल्ली की नई विधानसभा का सत्र चल रहा है। पहले दिन विधायकों की शपथ के बाद अब मंगलवार को CAG की 14 रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएंगी।

delhi assembly

दिल्ली विधानसभा। (Photo Credit: PTI)

दिल्ली में आज जबरदस्त बवाल होने के आसार हैं। दिल्ली विधानसभा में आज रेखा गुप्ता की सरकार CAG की 14 रिपोर्ट पेश करने वाली है। बीजेपी का आरोप था कि आम आदमी पार्टी सरकार ने जानबूझकर इन रिपोर्ट को विधानसभा में पेश होने से रोका। नई सीएम रेखा गुप्ता ने शपथ लेने के बाद ही इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने का ऐलान कर दिया था।


बताया जा रहा है कि CAG की इन रिपोर्ट्स में दिल्ली के वित्त, स्वास्थ्य, वायु प्रदूषण, आबकारी नीति और परिवहन से जुड़े कामकाज की समीक्षा है। इसके अलावा, एक रिपोर्ट में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ वाले बंगले के रेनोवेशन को लेकर सवाल उठाए गए हैं।

 

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क्या है इन रिपोर्ट्स में?

एक अहम रिपोर्ट मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन से जुड़ी है, जिसे बीजेपी ने 'शीशमहल' करार दिया था। इस रिपोर्ट में बंगले के रेनोवेशन के लिए अनियमितताएं बरतने की बात सामने आई हैं।


बताया जा रहा है कि जब सीएम हाउस के रेनोवेशन के लिए 2020 में 7.61 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया था। बाद में जब टेंडर जारी हुआ तो इसकी लागत बढ़कर 8.62 करोड़ रुपये हो गई। अप्रैल 2022 में जब काम पूरा हुआ तो इसकी लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई। यानी 2020 से 2022 के बीच खर्च 342 फीसदी बढ़ गया। 


इतना ही नहीं, CAG रिपोर्ट में ये भी बंगले का दायरा 1,397 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 1,905 वर्ग मीटर किए जाने की बात भी सामने आई है।


CAG रिपोर्ट में इस खुलासे के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल दिसंबर में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को कहा था। हालांकि, आम आदमी पार्टी की सरकार में ये रिपोर्ट नहीं आ सकीं।

 

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आबकारी नीति पर क्या खुलासे?

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने नवंबर 2021 में नई आबकारी नीति का ऐलान किया था। इसे 2022-23 में लागू किया गया। CAG रिपोर्ट के मुताबिक, इस नई आबकारी नीति से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। 


रिपोर्ट के मुताबिक, आबकारी नीति के नियमों को विधानसभा में पेश नहीं किया गया। उपराज्यपाल से भी बड़े फैसलों पर मंजूरी नहीं ली गईं। विशेषज्ञों से सलाह तो ली गई लेकिन उनकी सिफारिशें नहीं मानी। इसमें ये भी खुलासा हुआ कि कोविड के नाम पर 144 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई, जिसकी जरूरत नहीं थी।

मोहल्ला क्लीनिक पर भी हुए खुलासे

आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से चलाई जाने वालीं मोहल्ला क्लीनिकों को लेकर भी CAG रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 से 2023 के बीच मोहल्ला क्लीनिक के लिए 35.16 करोड़ का बजट रखा गया था लेकिन इसमें से सिर्फ 9.78 करोड़ ही खर्च हुए। 


रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने 31 मार्च 2017 तक 1 हजार मोहल्ला क्लीनिक खोलने का लक्ष्य रखा था लेकिन 31 मार्च 2023 तक 523 क्लीनिक ही खोली गईं। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि ज्यादातर मोहल्ला क्लीनिक में स्टाफ की कमी थी। 

जमकर बवाल होने के आसार

दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी आम आदमी पार्टी के बीच तकरार होने की संभावना है। कांग्रेस भी पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरने की तैयारी में है।

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