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गांव-गांव गिरफ्तारी, कड़ा पहरा, पंजाब में किसान आंदोलन पर पुलिस ऐक्शन

पंजाब में आंदोलनकारी किसान एक बार फिर नाराज हैं। भगवंत मान ने किसानों के साथ सोमवार को एक बैठक की थी, जिसके बाद जो हुआ, उस पर किसान भड़के हैं।

Farmers Protest

पंजाब में किसानों का विरोध प्रदर्शन। (Photo Credit: PTI)

पंजाब के किसान भगवंत मान सरकार से बेहद नाराज हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 मार्च को विरोध प्रदर्शन बुलाया था, उससे पहले मंगलवार को राज्यभर में कई किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी हुई है। 12 घंटों में पुलिस अधिकारियों ने कई घरों में रेड मारी है, कई नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

कई नेता गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि पुलिस विरोध प्रदर्शन रोकता चाहती है। जगह-जगह छापेमारी चल रही है।

गांव-गांव पहुंची पुलिस
किसान संगठनों का आरोप है कि पुलिसकर्मी कई गाड़ियों में सवार होकर किसानों को रोकने के लिए आए हैं। जोगिंदर सिंह ने कहा, 'पंजाब सरकार जो चाहे करे, लेकिन मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि पुलिस की कार्रवाई के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।'

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किसानों को धरने से रोकना का प्लान

किसान संगठन राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साधी है। किसान नेताों का कहना है कि सैकड़ों पुलिसकर्मी जब गिरफ्तारी की दबिश देने आए तो ज्यादातर लोग अपने घरों में नहीं थे। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया, कई लोग छापेमारी से बच निकले।

भगवंत मान पर भड़के क्यों किसान?
सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान किसानों के साथ बैठक में नाराज होकर चले गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से अनबन हो गई। पंजाब सरकार किसान संगठनों के नेताओं के साथ मिलकर मुद्दों को सुलझाना चाहती थी। भगवंत मान चाहते थे कि 5 मार्च को होने वाले विरोध प्रदर्शन को रोक दिया जाए। 

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किसानों से नाराज होने की कहानी क्या है?

किसान संगठन के नेताओं ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनकी मांगें नहीं सुनीं, बल्कि विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए दबाव भी डाला। किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि 18 मांगों में से केवल 8 मांगे रखीं गईं लेकिन मुख्यमंत्री वहां से चले गए। 

किसी की भी आधिकारिक तौर पर गिरफ्तारी नहीं हुई है। द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक बलवंत मेहराज, अशोक भारती, जरनैल कालेका और गुरजीत सिंह के घरों पर रेड हुई है, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया है।

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बड़े नेता हैं रडार पर

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने पुलिस एक्शन को लोकतंत्र के विरुद्ध बताया है। उनका कहना है कि सरकार आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में नशे का कारोबार फैल रहा है लेकिन पंजाब सरकार उसे रोकने में असफल रही है। 

किसानों का कहना है कि नशे की जद में युवा तेजी से आ रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष जगतार सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। कई गांवों में पुलिस तैनात है। 

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