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ड्रोन अटैक में कैसे बच गया अमृतसर का स्वर्ण मंदिर? सेना ने दिखाया डेमो

भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर पाकिस्तान की तरफ से उकसावे की कोशिश की जाएगी तो भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी।

Amritsar Swarn Mandir

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर। (Photo Credit: PTI)

पाकिस्तान ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ड्रोन अटैक की नाकाम कोशिश की थी। भारतीय सेना के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने कुछ सेकेंड्स के अंदर पाकिस्तान की ओर भेजे गए ड्रोन को मार गिराया था। पंजाब के अमृतसर में अब सेना ने उस ऑपरेशन की बारिकियों के बारे में बताया है। बड़ी संख्या में सेना के जवानों की अमृतसर में तैनाती हई है। भारत ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को भारत ने 6 से 7 मई की रात में तबाह कर दिया था। जवाब में पाकिस्तान ने देश के कई शहरों में ड्रोन हमले किए थे। 

भारतीय सेना की 15 इन्फेनंट्री डिविजन में तैनात मेजर जनरल कार्तिक शेषाद्रि ने कहा, 'याद रहे, ऑपेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ है। उसका विकराल रूप अभी बाकी है।'

हालिया तनाव को याद करते हुए सेना एक जवान ने कहा, 'हम ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा हैं। 8 से 9 मई की रात उन्होंने अचानक हम पर हमला बोल दिया। उन्होंने घुसपैठ की कोसिश की। हमने दुश्मन पर सही निशाना लगाया। हमारी जवाबी कार्रवाई का नतीजा था कि दुश्मन घुटनों पर आ गया, अपनी चौकियों पर सफेद झंडे लगाने लगे। हमने अपने नागरिकों को साफ संदेश दिया है कि जब तक हम सीमा पर हैं, कोई सरहद के भीतर घुसपैठ नहीं करने पाएगा।'

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'काउंटर अटैक के लिए तैयार थी भारतीय सेना'
अमृतसर में सेना के पास तैनात एक अन्य जवान ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया। 22 अप्रैल के बाद हमने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं। हमें कम वक्त में तैनात होने का नोटिस मिला था। हम हर तरह के हमलों के लिए तैयार थे। इनमें ड्रोन अटैक, एयर अटैक और काउंटर बमबारी भी शामिल थी। हम हर हाइब्रिड हमलों के लिए तैयार थे। हम चौकन्ने थे। हम हर उस पहल का जवाब देने के लिए तैयार थे, जिसके लिए हमें बोला गया था।' 

 

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कैसे पड़ी ऑपरेशन सिंदूर की नींव?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। हमले में 26 लोगों को आतंकियों ने मार डाला था। भारत ने आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, 6 से 7 मई के बीच में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। मेजर जनरल कार्तिक सी शेषाद्री, जीओसी 15 इन्फैंट्री डिवीजन, ने कहा, 'भारत ने सटीक हमलों के साथ केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिक ढांचे को। हमने मुरिदके और बहावलपुर जैसी जगहों पर लश्कर और जैश के मुख्यालयों को पूरी तरह तबाह कर दिया।'



पाकिस्तान के ड्रोन हमलों से कैसे बचा स्वर्ण मंदिर?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की। एक सैनिक ने कहा, '7 मई को जब भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला किया तो पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों पर हमले की योजना बनाई। जब वे इसमें असफल रहे तो उन्होंने गोल्डन टेम्पल, गुरुद्वारा साहिब और अन्य नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया। पाकिस्तान ने कामिकेज ड्रोन, सतह से सतह और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया। हालांकि देश के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को तबाह कर दिया।'

जवाब ऐक्शन में भारत को क्या करना पड़ा?
अमृतसर सीमा पर डटे एक सैनिक ने कहा,'हमने केवल 10 प्रतिशत गोला-बारूद का इस्तेमाल करके सभी हवाई हमलों को रोक दिया। हमने तुर्कीए मेड YIHA-III और Songar जैसे ड्रोन भी बरामद किए। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को भेदना लगभग असंभव है।'

 

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गोल्डन टेंपल को कैसे बचा ले गई सेना?
सेना के एक जवान ने कहा, 'पाकिस्तान ने 8 मई की सुबह गोल्डन टेम्पल पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले की कोशिश की। पाकिस्तान ड्रोन और मिसाइल अटैक कर रहा था। मेजर जनरल सी कार्तिक शेषाद्री ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर सेना को पहले से ही इसकी आशंका थी। गोल्डन टेंपल को सुरक्षा देने के मकसद से एयर डिफेंस सिस्टम को दुरुस्त किया गया। सैनिकों ने सभी ड्रोन मार गिराए, गोल्डन टेंपल को खरोच तक नहीं आई।' 



कितना मजबूद है देश का एयर डिफेंस, खुद देखिए 
सेना ने आकाश मिसाइल सिस्टम, L-70 जैसे मिसाइलों का डेमो भी दिखाया। सेना ने डेमो दिखाया कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन एक के बाद एक करके बिखरते चले गए। मेजर जनरल शेषाद्री ने कहा कि पाकिस्तान की नापाक साजिशों को नाकाम करने में भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने वैश्विक स्तर पर अपनी ताकत साबित की है। इस दौरान कई ड्रोन, मिसाइलें, माइक्रो यूएवी और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स को रोका गया।



कब से लागू है संघर्ष विराम?
10 मई को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया कि भारत-पाकिस्तान ने संघर्ष विराम समझौते पर सहमति जताई है। इसी रात पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलीबारी हुई। 11 मई से सरहद पर स्थितियां सामान्य हैं। भारतीय सेना ने जवाब में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को उड़ा दिया।

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