केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भाजपा नेता पी सी जॉर्ज को हेट स्पीच मामले में अग्रिम जमानत यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्होंने 2022 के इसी तरह के एक मामले की जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है।
2022 के जमानत आदेश का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति पी वी कुन्ही कृष्णन ने कहा कि अगर अदालत ऐसे मामलों में जमानत देती है, तो इससे 'समाज को गलत संदेश' जाएगा। 2022 के मामले में, अदालत ने सात बार के पूर्व विधायक जॉर्ज को ऐसा कोई बयान नहीं देने का निर्देश दिया था, जो धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देने या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला हो।
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दिया था विवादित बयान
इस साल 5 जनवरी को एक टीवी चैनल पर चर्चा में भाग लेते हुए जॉर्ज ने कहा: 'भारत में सभी मुसलमान आतंकवादी और सांप्रदायिक हैं। भारत में एक भी गैर-आतंकवादी मुसलमान नहीं रहता। मुसलमान लुटेरे हैं जो देश की संपत्ति लूटते हैं। मुसलमानों ने मुस्लिम राज्य बनाने के लिए लाखों हिंदुओं और ईसाइयों का कत्लेआम किया है। सभी भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। सभी मुसलमान सांप्रदायिक दैत्य और बदमाश हैं।"
इसके बाद, कोट्टायम के एराट्टुपेटा के मूल निवासी मुहम्मद शिहाब ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 196(1)(ए) और 299 तथा केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120(ओ) के तहत जॉर्ज के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
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'समाज में गलत संदेश जाएगा'
अदालत ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता (जॉर्ज) ने पिछले मामले की जमानत शर्तों का उल्लंघन किया था, 'अगर इस मामले में जमानत दी जाती है, तो लोग सोच सकते हैं कि भले ही जमानत शर्तों का उल्लंघन किया गया हो, लेकिन उन्हें कोर्ट ऑफ लॉ से अग्रिम जमानत मिल जाएगी। ऐसा संदेश समाज में नहीं जाना चाहिए।'
अदालत ने आश्चर्य जताया कि क्या सभी मामलों में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए, भले ही जांच के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ करना आवश्यक न हो।
उन्होंने कहा, 'अगर किसी मामले में अपराध के लिए अधिकतम सजा सात साल से कम है, तो क्या कोई अदालत आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप और उसके पिछले रिकॉर्ड पर विचार किए बिना जमानत दे सकती है?
'पिछले इतिहास पर विचार जरूरी'
कोर्ट ने कहा, 'आरोपी का पिछला इतिहास और आरोपों की गंभीरता भी अदालत द्वारा विचार किए जाने वाले महत्वपूर्ण पहलू हैं। लेकिन, भले ही हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता न हो या जरूरी न हो, लेकिन यह अपने आप में अग्रिम जमानत देने का आधार नहीं हो सकता।'
जॉर्ज क्षेत्रीय ईसाई पार्टी केरल कांग्रेस (एम) के प्रमुख नेता थे। बाद में वह पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
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