• IMPHAL EAST 13 Mar 2025, (अपडेटेड 13 Mar 2025, 9:46 AM IST)
मणिपुर में पहाड़ी हिस्से के लिए कुकी संगठन अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। पढे़ं रिपोर्ट।
मणिपुर में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल। (Photo Credit: Manipur Police/X)
मणिपुर में कुकी बाहुल इलाके कांगपोकपी में 8 मार्च को एक युवक की मौत पर हंगामा भड़का था। यह शव, लंबी बातचीत और समझौते के बाद परिवार को सौंप दिया गया लेकिन स्थितियां सामान्य नहीं हो पाईं। मणिपुर के अधिकारियों का कहना है कि उम्मीद है कि विरोध प्रदर्शन और नाकाबंदी जल्द खत्म होगी।
मणिपुर में शांति बहाली की राह आसान नजर नहीं आ रही है। कुकी समुदाय केंद्र सरकार के वार्ताकार एके मिश्रा के बीच बातचीत हो रही है। अब कुकी समुदाय की मांग है कि उन्हें अलग पहाड़ी राज्य का दर्जा दिया जाए, मैतेई बाहुल इलाकों को अलग किया जाए। कुकी संगठन अलग पहाड़ी राज्य की मांग पर अड़ गए हैं।
क्या सरकार कुकी की बात मानेगी? सरकार ने अभी तक पहाड़ी हिस्से के लिए अलग प्रशासनिक ढांचे की मांग को स्वीकार नहीं किया है। अगर सरकार कुकी समुदाय की मांग मानती है तो अलगाववादी भावनाएं और दूसरे राज्यों में भी भड़क सकती हैं। सीमावर्ती इलाकों में पहले ही विद्रोही गुटों से सरकार को निपटना पड़ रहा है।
क्या कदम उठाए जा सकते हैं? मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शांति वार्ता की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। टाम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांगपोकपी के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक पिछले कुछ दिनों से कुकी-जो प्रदर्शनकारियों के संपर्क में थे। कुकी समुदाय को अधिकारी यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि अब विरोध प्रदर्शन खत्म हो। युवक की मौत विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी। सुरक्षाबलों के साथ उनकी झड़प भी हुई थी।
मणिपुर में उग्रवादी हथियारों को सरेंडर कर रहे हैं। (Photo Credit: Manipur Police/X)
कुकी समुदाय गुस्से में क्यों है? कुकी समुदाय ने युवक की मौत के बाद सड़कों को ब्लॉक कर दिया था। गाड़ियों की आवाजाही रोक दी थी। जहां कुकी और जो समुदाय की आबादी ज्यादा है, वहां हालात और तनावपूर्ण हो गए थे। कांगपोकपी में स्थानीय प्रशासन के लिए यह विरोध प्रदर्शन चुनौती बन गया था।
मणिपुर में फिर बढ़ी हिंसक घटनाएं मणिपुर में हाल ही में हिंसक घटनाएं फिर से बढ़ी गई हैं। 4 मार्च को कांगपोकपी जिले में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। इस हंगामे में 25 से अधिक लोग घायल हो गए। यह झड़प केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य में मुक्त आवाजाही की अनुमति देने के निर्देश के विरोध में हुई थी।
कुकी-जो समुदाय ने सुरक्षाबलों की कार्रवाई के खिलाफ अनिश्चितकालीन बंद की अपील की थी। इसकी वजह से कुकी-बहुल क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। चुराचांदपुर और तेंग्नौपाल जिलों में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और पत्थरों से सड़कों को ब्लॉक कर दिया। अभी शांतिपूर्ण स्थिति है।
मणिपुर में अब तक क्या हुआ?
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। यह संघर्ष मैतैई और कुकी समुदायों बीच शुरू हुआ, जो जल्द खत्म होता नजर नहीं आ रहा है।