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'बुलडोजर, कुर्की, वसूली,' नागपुर में दंगाइयों से पाई-पाई वसूलेगी सरकार

नागपुर के महाल इलाके में 17 मार्च की रात दो गुटों के बीच हिंसा भड़की थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पढ़ें रिपोर्ट।

Devendra Fadanvis

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। (Photo Credit: Devendra Fadanvis/X)

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि नागपुर हिंसा में जो भी सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई दंगाइयों की संपत्ति से की जाएगी। उन्होंने कहा है कि दंगाइयों से ही सारे खर्चे वसूल किए जाएंगे। अगर वे पैसे नहीं देते हैं तो उनकी संपत्तियां बेच दी जाएगीं। अगर जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलेगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'आज मैंने पुलिस अधिकारियों के साथ नागपुर में हुई घटना की समीक्षा की। पूरे घटनाक्रम और अब तक हुए ऐक्शन की समीक्षा की गई है। औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाई गई थी, जिस पर FIR दर्ज की गई थी। अफवाह फैलाई गई थी कि जिसे कब्र बताकर जलाया गया, उस पर कुरान की आयतें लिखीं थीं। अफवाह फैली तो लोग जमा हो गए।'

104 गिरफ्तार और भी हैं रडार पर
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'भीड़ ने पथराव और आगजनी की। पुलिस ने एहतियाती कार्रवाई की है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगा करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। अब तक 104 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और लोगों को गिरफ्तार करेगी।'

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दंगाइयों की मदद करने पर भी होगी जेल
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है, 'दंगों में शामिल या दंगाइयों की मदद करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को भी सह-आरोपी बनाया जाएगा। अब तक 68 सोशल मीडिया पोस्ट की पहचान कर उन्हें हटाया गया है।'



कब भड़की थी हिंसा?
नागपुर के महाल इलाके में 17 मार्च की रात में दो गुटों के बीच हिंसा भड़की थी। दोनों गुटों की ओर से पत्थरबाजी की गई थी, कई गाड़ियों को जला दिया गया था। हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए थे। 

नागपुर हिंसा के 5 दिन बाद पहली मौत
नागपुर हिंसा के 5 दिन बाद पहली मौत हुई है। ICU में इरफान अंसारी नाम का एक शख्स भर्ती था, जिसकी मौत हो गई। उस पर सोमवार रात करीब 11.30 पर हमला हुआ था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। 

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नागपुर में क्यों भड़की?

नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर दक्षिणपंथी संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। तभी अफवाह फैली की छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर प्रतीकात्मक पुतले के साथ-साथ लोगों ने कुरान भी जला दिया है। अफवाह मध्य नागपुर के महल इलाके तक पहुंच गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, दो समूहों में हिंसक झड़पें भी हुईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठी चार्ज किया। हिंसा में कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं।  

कौन है हिंसा का मुख्य आरोपी?
महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान भी हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। वह 50-60 लोगों के ग्रुप के साथ वहां शिकायत करने पहुंच गए। यहीं से हिंसा भड़की। यहां देखते ही देखते वर्ग विशेष के सैकड़ों लोग जमा हो गए। इस दंगे का सूत्रधार फहीम खान को बताया जा रहा है।

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दंगे बाद क्या-क्या नुकसान हुआ?

दंगाई कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठी और रॉड लेकर हमला करने लगे। हवा में हथियार लगाने लगे। भालदापुरा इलाके में पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की गई। गीतांजलि चौक पर पेट्रोल बम से हमला किाय गया। पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। क्रेन में आग लगा दी गई। 

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