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पहलगाम हमला: 'हम औरतों को नहीं मारते,' डायलॉग मारा, फिर लाशें बिछा दीं

पहलगाम में आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को खत्म किया है। 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जिन लोगों ने तबाही देखी, वे क्या कह रहे हैं, पढ़ें रिपोर्ट में।

Pahalgam Attack

पहलगाम की यह तस्वीर वायरल हो रही है। (Photo Credit: PTI)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आंतकवादियों ने फायरिंग की, जिसमें 20 से ज्यादा पर्यटक मारे गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकवादी हमले पर कहा है कि जिम्मेदारों को नहीं बख्शा जाएगा। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि नागरिकों पर इतना भीषण हमला, पहले कभी नहीं हुआ। हमले में कई लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हैं। जिन लोगों ने इस हादसे को सामने से देखा है, उन्होंने भयावह मंजर की सच्चाई बयां की है।  

आतंकी हमले में संतोष जगदाले को भी आतंकियों ने गोली मार दी। वह 54 साल के थे। उनकी बेटी असावरी जगदाले ने कहा, 'आतंकवादियों ने मेरे पिता को एक इस्लामिक आयत पढ़ने को कहा। जब वह नहीं पढ़ पाए, तो आतंकवादियों ने उन्हें तीन गोलियां मारीं - एक सिर में, एक कान के पीछे और एक पीठ में।'

बैसरन वैली में मौत बनकर आए आतंकी
असावरी जगदाले, अपने परिवार के साथ पहलगाम की बैसरन वैली में थीं। इसे मिनि स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। वहां उनका परिवार छुट्टियां मना रहा था। 5 अन्य लोग साथ थे, अचानक वहां आतंकवादी आए और गोलबारी शुरू कर दी। 

यह भी पढ़ें: पहलगाम हमला: 26 की मौत, 10 घायल; शाह ने उमर अबदुल्ला के साथ की मीटिंग

 

तंबू में छिपे पर्यटक, नाम पूछकर मार डाला
असावरी जगदाले ने बताया कि जब बैसरन वैली में गोलीबारी शुरू हुई, तो वे और उनके परिवार वाले डर के मारे पास के एक तंबू में छिप गए। वहां 6-7 दूसरे पर्यटक भी छिपे थे। सब जमीन पर लेट गए, क्योंकि उन्हें लगा कि आतंकवादी और सुरक्षाबल आपस में गोलीबारी कर रहे हैं। लेकिन फिर आतंकवादी उनके तंबू के पास आए। उन्होंने असावरी के पिता संतोष जगदाले को बाहर आने को कहा और गाली देते हुए बोले, 'चौधरी, बाहर आ जा।'

'औरतों को नहीं मारते बोल पुरुषों की लाशें बिछा दीं'
आतंकवादियों ने उन पर नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि कश्मीरी आतंकवादी औरतों-बच्चों को नहीं मारते। फिर उन्होंने संतोष से इस्लामिक आयत पढ़ने को कहा। जब वे नहीं पढ़ पाए, तो आतंकवादियों ने उन्हें तीन गोलियां मारीं - एक सिर में, एक कान के पीछे, और एक पीठ में।  



कई परिवार हमले में खत्म
आतंकवादियों ने असावरी के चाचा को भी 4-5 गोलियां मारीं और वहां मौजूद कई अन्य पुरुषों को भी गोली मार दी। असावरी, उनकी मां, और एक दूसरी महिला रिश्तेदार को आतंकियों ने जिंदा छोड़ दिया। 

यह भी पढ़ें: कौन सा संगठन है TRF जिसने ली पहलगाम हमले की जिम्मेदारी?

 

'घरवालों को नहीं पता, उनके अपने जिंदा हैं या मर गए'
जिन घोड़े वालों ने उन्हें वहां तक पहुंचाया था, वे दौड़कर आए, लोगों को बाहर निकालने में मदद की मेडिकल चेकअप किया गया, पहलगाम क्लब में ले जाया गया। असावरी को नहीं पता कि उनके पिता और चाचा जिंदा हैं, या मर गए हैं। 

पहलगाम के बारे में अब तक जो पता है
पहलगाम अटैक में 26 पर्यटकों की मौत हुई। अज्ञात आतंकवादियों ने बैसरन वैली में नागरिकों पर गोलीबारी की। सुरक्षाबल तुरंत मौके पर पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर गए हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ हाई-लेवल मीटिंग बुलाई है। आतंकियों को अब नेस्तनाबूद किए जाने की तैयारी की जा रही है।

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