तीन हफ्तों से पाकिस्तान की कस्टडी में मौजूद सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पुर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है। BSF ने बताया है कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने आज पुर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया है। वह 23 अप्रैल से ही पाकिस्तान की कस्टडी में थे और उनका परिवार लगातार गुहार लगा रहा था कि पुर्णम को छुड़ाया जाए।
हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी पुर्णम शॉ की पत्नी से बातचीत की थी और भरोसा दिलाया था कि वह पुर्णम को वापस लाने के लिए प्रयास करेंगी। सीएम ममता बनर्जी की ओर से आश्वासन मिलने के बाद रजनी ने उम्मीद जताई थी कि अब उनके पति लौट आएंगे। दरअसल, पुर्णम कुमार शॉ पश्चिम बंगाल के हुगली के रहने वाले हैं। वह BSF की 182वीं बटालियन में पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात हैं।
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BSF ने क्या कहा?
BSF की ओर से जारी किए आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'आज सुबह 10:30 बजे कॉन्स्टेबल पुर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान से वापास लाया गया। कॉन्स्टेबल पुर्णम कुमार शॉ अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में चल गए थे और पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। यह घटना 23 अप्रैल 2025 को 11:50 बजे तब हुई थी जब वह फिरोजपुर सेक्टर में सीमा पर ड्यूटी दे रहे थे।'
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अपने बयाने में BSF ने आगे लिखा है, 'BSF ने फ्लैग मीटिंग के जरिए लगातार प्रयास किए और पाकिस्तान रेंजर्स के साथ बातचीत की। इसके अलावा, अन्य चैनल के जरिए भी बातचीत की गई और BSF कॉन्स्टेबल की वापसी संभव बनाई गई।'
पुर्णम की रिहाई के बाद उनके घर पर खुशी का माहौल है। उनकी पत्नी रजनी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं आज बहुत खुश हूं। हमें सुबह 10:30 बजे फोन आया था और मेरे पति ने भी वीडियो कॉल किया था। वह पूरी तरह से फिजिकली फिट हैं। उन्होंने मुझसे परेशान न होने को कहा। तीन-चार दिन पहले मेरी सीएम (ममता बनर्जी) से बात हुई थी और उन्होंने कहा था कि इसी हफ्ते मेरे पति घर आ जाएंगे। सभी ने बहुत साथ दिया, पूरा देश मेरे साथ खड़ा था। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से संभव हो पाया है।'
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर BSF के जवान ही पहरा देते हैं। गुजरात, राजस्थान और पंजाब के अलावा जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में भी BSF के जवान ही तैनात रहते हैं। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय सेना तैनात रहती है।