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लुटियन जमात, खान मार्केट गैंग के बहाने फिर क्या तंज कस गए पीएम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट के बहाने एक बार फिर लुटियंस जमात और खान मार्केट गैंग पर बहस छेड़ दी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खान मार्केट पर एक बार फिर कुछ ऐसा कहा है कि उनके बयान पर हंगामा बरप गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 70 साल तक देश ने यह कानून झेला है। हैरानी की बात यह है कि खान मार्केट गैंग और लुटियंस जमात ने इसके बारे में कुछ नहीं कहा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन सरकारों और विपक्ष को घेरते हुए इशारा किया कि जब अंग्रेजों का बनाया एक कानून भारतीयों का उत्पीड़न कर रहा था, तब दिल्ली के लुटियंस जोन में रहने वाले लोग, खान मार्केट में रहने वाले लोग चुप क्यों थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के विवादित कानूनों को केंद्र सरकार ने हटाया। अंग्रेजों के जमाने के वे कानून जो परेशानियां पैदा करने वाले रहे, उन्हें हटाया गया। बांस की पेड़ों की सूची से केंद्र ने बाहर किया। ये कानून उत्पीड़न का साधन बन गए थे।

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'खान मार्केट गैंग और लुटियंस जोन पर होती है हैरानी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट। ये कानून अंग्रेजों ने 150 साल पहले बनाया था। अंग्रेज चाहते थे कि थिएटर और ड्रामे का इस्तेमाल उनके खिलाफ न हो। इस कानून में प्रावधान था कि सार्वजनिक जगह पर 10 लोग डांस करते मिल जाएं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'देश के आजाद होने के 75 साल तक यह कानून चलता रहा। शादी के दौरान 10 लोग नाच रहे हों तो पुलिस उन्हें अरेस्ट कर सकती थी। ये कानून हमारी सरकार ने हटाया। 70 साल तक हमने कानून झेला। मुझे उस समय की सरकारों के बारे में कुछ नहीं कहना, लेकिन मुझे लुटियंस जमात और खान मार्केट गैंग पर आश्चर्य होता है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'ये लोग 75 साल तक इन कानूनों पर चुप क्यों रहे। ये लोग जो हर दिन कोर्ट चले जाते हैं, जनहित याचिका के ठेकेदार बने फिरते हैं, वे चुक क्यों रहते हैं। उन्हें स्वतंत्रता का खयाल तब क्यों नहीं आता था।' 



क्या था ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट?
ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट, 1876 एक ब्रिटिशकालीन कानून था। भारत में नाटक और प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए अंग्रेजों ने यह कानून बनाया था, जिससे हिंदुस्तानियों को प्रदर्शन के नाम पर गिरफ्तार किया जा सके। पहले क्रांतिकारी नाटकों के जरिए अंग्रेजों पर भारत छोड़ने का दबाव बनाते थे। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह और अंसतोष दबाने के लिए इसे खत्म किया गया। 

ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट, आजादी के बाद प्रैक्टिस में नहीं रहा। 76 साल पुराने कई कानूनों को केंद्र सरकार ने रद्द किया था। अब तक कुल 1562 से ज्यादा कानून निरस्त किए जा चुके हैं। इन कानूनों को खत्म करने के पीछे तर्क दिया गया था कि ये कानून संविधान का उल्लंघन है। 

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13(1) में आच्छादन का सिद्धांत निहित है। जब कोई कानून, किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है तो वह कानून के दायरे से बाहर हो जाता है और उसे रद्द मान लिया जाता है। अदालतें इस कानून को नहीं मानती थीं। इसे औपचारिक तौर पर भी अब खत्म किया जा चुका है। 

AI, इनोवेशन पर क्या बोले पीएम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ खान मार्केट गैंग की आलोचना ही नहीं बल्कि उन्होंने AI और इनवेशन का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'दुनिया को जीरो का कॉन्सेप्ट देने वाला भारत आज अनंत अनुसंधान की धरती बन रहा है। भारत का युवा हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है।'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने बच्चों को किताबों से आगे बढ़कर सोचने का अवसर दिया है। मिडिल स्कूल से ही बच्चे कोडिंग सीखकर AI और डेटा साइंस के फिल्ड के लिए तैयार हो रहे हैं। 

 

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