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अनंत अंबानी की तरह 'वनतारा' शुरू करना है? नियम-कानून समझिए

अगर आप जंगल में हैं और जंगली जानवरों को आप छूते हैं, उन्हें खाने के लिए कुछ देते है तो समझ लीजिए, यह प्रतिबंधित काम है। कैसे, समझिए।

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वनतारा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PMO)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र वनतारा का उद्घाटन किया है। संकटग्रस्त जानवरों को बचाने, उनके इलाज और देखरेख के लिए यह प्रोजेक्ट रिलायंस ग्रुप के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। 

यहां 2000 से ज्यादा प्रजातियों के 1.5 लाख से ज्यादा लुप्तप्राय हो चुके संकटग्रस्त जानवरों को, उनके प्राकृतिक पर्यायवास के अनुकूल ही रखा गया है। 

वनतारा में फ्लेमिंगों जैसे बड़े पक्षियों से लेकर कछुए और सरिसृप वर्ग के कई दुर्लभ र संकटग्रस्त जातियों को भी रखा गया है। 

अब आप सोच रहे होंगे कि क्या 'वनतारा' की तरह ऐसे जानवरों को आम आदमी अपने घर, फॉर्म हाउस या खेत में रख सकता है? अगर आप ऐसा सोच भी रहे हैं तो मत कीजिए, जेल हो जाएगी।

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जंगली जानवरों की हिफाजत वाला कानून क्या है?
जंगल और वन जीवन की सुरक्षा के लिए  साल 1972 में द वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट पारित हुआ था। यह कानून क्या है, जरूरी क्यों है और चर्चा में क्यों है, समझिए। भारत में एक जमाने में जंगली जानवरों का शिकार करना अपराध नहीं था। लोग शौक से जंगल जाते, शिकार करते और जानवरों को मारकर खुद को वीर बताते। यह ऐसी आदत थी, जिसकी वजह से कई जानवरों के अस्तित्व पर संकट पैदा हुआ और भारत जैसे देश से चीता पूरी तरह खत्म हो गए। 

Photo Credit: PMO

जरूरत क्या थी इस कानून की?
जंगली जानवरों, पशुओं, सरिसृपों, दुर्लभ प्रजातियों और पक्षियों को संरक्षित करने के लिए तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने साल 1972 में यह अधिनियम पारित किया था। 1970 के दशक तक लोग शिकार पर जाते थे। यह कानून, जंगली जानवरों के लिए रक्षक बनकर आया। लोग हाथी, जंगली सुअर, गैंडा, शेर और तेंदुए जैसे जानवरों के शिकार को बहादुरी समझते थे। इस शौक की वजह से कई जानवर विलुप्ति की कगार पर आ गए थे।

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Photo Credit: PMO

किस कानून के तहत जंगली जानवर छूना है अपराध?
वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत तहत कुछ जानवरों को छूना भी अपराध हो सकता है। जिन जानवरों को अनूसूची-I और अनुसूची II  में रखा गया है, उन्हें छूने पर भी सा हो सकती है। इस लिस्ट में बाघ, हाथी, गैंडा, शेर, तेंदुआ, कछुआ, अजगर, भालू और गिद्ध जैसे जानवर शामिल हैं।

धारा 9 उनके शिकार पर प्रतिबंध लगाती है। उन्हें छूना, पकड़ना या परेशान करना प्रतिबंधित है। धारा 2 (16) (ख) में शिकार की परिभाषा दी गई है। किसी वन्य प्राणी, या बंदी प्राणी को पकड़ना या इस तरह की कोशिश करना प्रतिबंधित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लैमूर के साथ। (Photo Credit: PMO)

दरअसल धारा 2 (16) (ख) में शिकार की परिभाषा बताई गई है, जिसमें कहा गया है कि किसी वन्य जीव को फंसाना, पकड़ना, जख्मी करना, या मारना या कोशिश करना, हथियार का इस्तेमाल करना, सब शिकार में ही आएगा।

धारा 50 कहती है कि अगर कोई जंगली जानवरों को पकड़ता है शिकार करता है, छूने या पकड़ने की कोशिश करता है, उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। धारा 51 दंड के प्रावधान से संबंधित है। पहली बार अपराध करने पर 3 साल की सजा, 25 हजार रुपये जुर्माना, दूसरी बार 7 साल तक की सजा और जेल हो सकती है।

 

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अनंत अंबानी को प्रोजेक्ट शुरू करने की इजाजत क्यों मिली?
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रुपाली पंवार बताती हैं  वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 36(C) के मुताबिक राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि किसी समुदाय या व्यक्ति को, वन्य जीवन सरंक्षण के लिए जमीन को संरक्षण रिजर्व के तौर पर अधिसूचित कर सकती है। 

Photo Credit: PMO

प्रोजेक्ट वनतारा है क्या?
प्रोजेक्ट वनतारा रिलायंस फाउंडेशन की एक पहल है, जिसका मकसद संकग्रस्त वन्यजीवों का बाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास करना है। यह गुजरात के जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी कैंपस के 3000 एकड़ के ग्रीन बेल्ट में है, इसे घने जंगल के तौर पर विकसित किया गया है। यहां 43 प्रजातियों के 2000 से ज्यादा जानवरों को पुनर्वास के लिए रखा गया है। यहां घायल और बीमार पशुओं के इलाज के लिए अस्पताल भी हैं। 

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