भारत में वोटिंग के लिए 181 करोड़ रुपये की फंडिंग पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। बीजेपी ने गुरुवार को राहुल गांधी और डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों को जोड़कर हमला बोला।
बीजेपी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने भारत में वोटिंग को बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को लेकर सवाल उठाए थे। भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह रकम करीब 121 करोड़ रुपये है।
बीजेपी का दावा है कि डोनाल्ड ट्रम्प का यह बयान साबित करता है कि कांग्रेस से जुड़े विदेशी गैर सरकारी संगठनों ने भारत में चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की। इन हमलों में एक नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, वह नाम है वीना रेड्डी। आइए जानते हैं उनके बारे में।
यह भी पढ़ें: कहानी काश पटेल की, ट्रंप के वफादार और अब FBI के नए डायरेक्टर
वीना रेड्डी कौन हैं?
वीना रेड्डी आंध्र प्रदेश में जन्मी अमेरिकी राजनयिक हैं। वीना रेड्डी यूएस सीनियर फॉरेन सर्विस की करियर सदस्य हैं। उन्होंने भारत और भूटान में यूएसएआईडी के लिए मिशन निदेशक के रूप में काम किया है। साल 2021 में नियुक्त, वह इन देशों में यूएसएआईडी के संचालन का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं।
वीना रेड्डी ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट में कई अहम पदों पर काम किया है। वह कंबोडिया की मिशन डायरेक्टर भी रही हैं। उन्होंने खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल संरक्षण और लोकतंत्र पर चलाए गए अमेरिकी कार्यक्रमों की देखरेख की थी।
वीना रेड्डी ने हैती में डिप्टी मिशन निदेशक के रूप में भी काम किया है। यहां आए भूकंप के बाद राहत कार्यों की निगरानी और आर्थिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए कई अहम काम उन्होंने किए।
यह भी पढ़ें- US का 425 बिलियन डॉलर गोल्ड गायब? एलन मस्क के सवाल से बढ़ा विवाद
वीना रेड्डी कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर और शिकागो यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई की है। यहीं से उन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट्स भी किया है। USAID में शामिल होने से पहले वह वकील रही हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क, लंदन और लॉस एंजिल्स में एक कॉर्पोरेट वकील के तौर पर काम किया है।
वीना रेड्डी के नाम पर हंगामा क्यों?
21 मिलियन डॉलर अमेरिकी फंड पर हंगामा तब शुरू हुआ, जब बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी ने फंडिंग में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'DOGE ने पाया है कि USAID ने भारत में वोटिंग के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए। वीना रेड्डी को 2021 में USAID के भारतीय मिशन के प्रमुख के रूप में भारत भेजा गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद वह अमेरिका लौट गईं। अफसोस की बात है क्योंकि यहां की जांच एजेंसियां उनसे कुछ सवाल पूछ सकती थीं कि फंडिंग का पैसा किसे दिया गया।'