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सस्ती जमीन, महंगा सौदा! वह केस जिसमें रॉबर्ट वाड्रा को ED ने बुलाया

गुरुग्राम लैंड डील केस में रॉबर्ट वाड्रा से ED मंगलवार को पूछताछ कर रही है। मंगलवार सुबह पैदल चलकर रॉबर्ट वाड्रा ED दफ्तर तक पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि इस केस में कुछ नहीं है।

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रॉबर्ट वाड्रा। (File Photo Credit: PTI)

बिजनेसमैन और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से ED पूछताछ कर रही है। उनसे यह पूछताछ गुरुग्राम लैंड डील मामले में हो रही है। इस मामले में ED मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। 


रॉबर्ट वाड्रा करीब 2 किलोमीटर तक पैदल चलकर ED के दफ्तर पहुंचे थे। वाड्रा सुजान सिंह पार्क स्थित घर से एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ED दफ्तर तक 2 किलोमीटर पैदल चले। इस दौरान वाड्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'यह कुछ और नहीं, बल्कि राजनीतिक बदला है। जब भी मैं अल्पसंख्यकों के लिए बोलता हूं, वे मुझे रोकने की कोशिश करते हैं, हमें कुचलने की कोशिश करते हैं। उन्होंने संसद में राहुल गांधी को भी रोकने की कोशिश की थी। यह एजेंसियों का दुरुपयोग है।' उन्होंने कहा कि वे पहले की तरह जांच में एजेंसी का सहयोग करते रहेंगे।


न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस मामले में ED ने 8 अप्रैल को रॉबर्ट वाड्रा को समन जारी किया था। हालांकि, उस दिन वाड्रा पेश नहीं हो सके थे, जिसके बाद उन्हें दूसरा समन जारी किया गया।

 

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'केस में कुछ नहीं है यार'

ED के समन पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, 'केस में कुछ नहीं है यार। मुझे उम्मीद है कि कोई नतीजा निकलेगा। वे जब भी असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं तो मुझे बुला लेते हैं।'


वाड्रा ने कहा, 'जब मैं बोलता हूं तो मुझे रोक दिया जाता है। राहुल को संसद में बोलने से रोका जाता है। बीजेपी ऐसा कर रही है। लोग मुझसे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि मैं राजनीति में शामिल हो जाऊं। जब मैं राजनीति में शामिल होने की इच्छा जाहिर करता हूं तो वे मुझे नीचा दिखाने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पुराने मुद्दे उठा देते हैं।'

 


उन्होंने कहा, 'क्या कुछ पता लगाने के लिए 20 साल का वक्त लगता है? मुझे 15 बार बुलाया गया है। मैं 10-10 घंटे तक बैठा रहा और 23 हजार दस्तावेज जमा किए। अब वे एक हफ्ते में 23 हजार दस्तावेज मांग रहे हैं। 23 हजार दस्तावेजों को इकट्ठा करना आसान काम नहीं है।'

 

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क्या है यह पूरा मामला?

यह पूरा मामला हरियाणा में 2008 की एक लैंड डील से जुड़ा है। इस मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी भी सवालों के घेरे में आई थीं। जिस वक्त यह डील हुई थी, उस समय हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। यह जमीन शिकोहपुर गांव में खरीदी गई थी।


यह लैंड डील फरवरी 2008 में हुई थी। इसमें वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ की जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नाम की कंपनी से खरीदी थी। इस जमीन का सौदा 7.5 करोड़ रुपये में हुआ था। वाड्रा की कंपनी ने यह जमीन यहां पर कॉलोनी बनाने के लिए खरीदी थी।


आरोप है कि इस जमीन पर कॉलोनी की बजाय वाड्रा की कंपनी ने इसे DLF को बेच दिया। वाड्रा की कंपनी ने यह जमीन कथित रूप से 58 करोड़ रुपये में DLF को बेच दी थी।

 

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2018 में दर्ज हुआ था केस

आरोप है कि शिकोहपुर गांव में जमीन खरीद का यह सौदा कुछ ही घंटों में हो गया था। 2012 में हरियाणा सरकार के लैंड रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के तत्कालीन डायरेक्टर अशोक खेमका ने इस डील को रद्द कर दिया था। अशोक खेमका का कहना था कि इस डील में नियमों का उल्लंघन हुआ है।

 


इस मामले में 2018 में हरियाणा पुलिस ने रॉबर्ट वाड्रा, भूपेंद्र हुड्डा, DLF और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ केस दर्ज किया था। इन पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए थे। 


इस FIR के आधार पर ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में वाड्रा से ED कई बार पूछताछ कर चुकी है। 

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