भारतीय के सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने पूरी दुनिया में आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब किया है। भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल यूरोप, अमेरिका से लेकर एशियाई के अलग-अलग देशों में गया। सांसदों ने दुनिया को बताया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने ने कैसे 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पर्यटकों की जान ले ली, जिसके जवाब में भारत को ऑपरेशन सिंदूर करना पड़ा। अब पाकिस्तान भी दुनिया में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजने की तैयारी कर रहा है। शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने पाकिस्तान के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सवाल उठाया है और तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के पास आतंकवाद, भारत में आतंकी हमलों के इतिहास के अलावा बताने के लिए ऐसा क्या है।
श्रीकांत शिंदे, शिवसेना सांसद:-
'पाकिस्तान क्या बताएगा, इतने वर्षों तक आतंकवाद और दहशतवाद फैलाने का काम भारत ने किया है। कि कितने लोगों की जान पाकिस्तान ने ली, ये बताएगा? पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। 7 अलग-अलग संसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों में पहुंचे, पाकिस्तान को बेनकाब करने का काम भारत ने किया। जहां-जहां हम गए, वहां भारत में हुए आतंकी हमले की वजह से संवेदना और पाकिस्तान की निंदा हुई। हम UAE, कांगो, सियारा लियोना और लाइबेरिया में गए। लाइबेरिया में संसद के अंदर मौन रखा गया, यह बड़ी बात है भारत के लिए। सभी लोग आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े हैं।'
राहुल गांधी को अभी समझ में आने के लिए और टाइम लगेगा। इतने बड़े नेता हैं, जहां सब लोग मिलकर भारत के लिए आवाज उठा रहे हैं, डेलिगेशन में अलग-अलग दलों के लोग हैं। सब मिलकर भारत के लिए आवाज उठा रहे हैं। सभी सांसद भारत का पक्ष रख रहे हैं, देश के हक में मजबूती से आवाज उठा रहे हैं, राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि आतंक के खिलाफ ऐसी राजनीति नहीं चल पाएगी। हमेशा राजनीतिक करने का काम राहुल गांधी कर रहे हैं। एक मात्र भारत देश ऐसा है, जो अलग-अलग देशों में अपना प्रतिनिधिमंडल भेज तक लोगों को जागरूक करने का काम किया है।'
'विदेशी जमीन पर हम सिर्फ एक आवाज हैं'
बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, 'हमें यह जानना होगा कि 7 अलग-अलग डेलिगेशन में 59 लोग, 33 देशों में गए थे। हम सर्वदलीय डेलिगेशन का हिस्सा थे। जिन 5 देशों में हम गए थे, उन्होंने देश की तारीफ की। यह एनडीए का डेलिगेशन नहीं था, सभी दलों का था। लोगों को यह भी सोचना चाहिए जिन 59 लोगों को भेजा गया, उनमें से 51 लोग अलग-अलग राजनीतिक दलों से थे। भारत में ये लोग गंदी राजनीति में क्यों उतरे हैं।'
CPI-M सांसद जॉन बिट्रास ने कहा, 'हमने अपना वादा निभा दिया है। अब सरकार के कर्तव्य निभाने की बारी है। देश के लोगों को और विश्व समुदाय को समझाए। हमें जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। दुनिया के उस हिस्से में बहुत सारी भ्रामक सूचनाएं हैं। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि पश्चिमी देशों ने भारत-पाकिस्तान के तनाव पर दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टिंग की हों। हमारा मकसद अपना पक्ष रखना था। जिन देशों में हम गए, वहां हमने ठीक संदेश दिया है। मिशन खत्म हो गया है। अब सरकार अपना काम करे।'
क्यों सरकार ने दुनिया में भेजा 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल?
दुनिया के 33 देशों में अलग-अलग 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दौरा किया। भारत ने दुनिया को बताया कि कैसे पाकिस्तान आतंकियों को पाल-पोस रहा है, जो भारत में मासूम लोगों को शिकार बनाते हैं। भारत ने अपना संदेश भी साफ कर दिया कि भारत, अपने यहां किसी भी तरह का आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा, दुश्मन को घर में घुसकर मारेगा। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी दुनिया से अपना पक्ष बता दिया है।