पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर महीनों से डटे किसानों के टेंट उखाड़ दिए हैं। कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
यह तब हो रहा है, जब महज 2 महीने पहले भगवंत मान ने कहा था कि वह केंद्र और किसानों के बीच 'पुल' की तरह हैं, किसानों पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
किसान और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 19 मार्च को चंडीगढ़ में बैठक हुई। एक साल से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र सरकार की 13 मुद्दों पर बातचीत चल ही रही थी कि गुरुवार रात में भगवंत मान सरकार ने किसानों को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया।
खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसान 110 से ज्यादा दिनों से टिके हुए थे, पंजाब पुलिस ने किसानों की ओर से बनाई गई बैरिकेडिंग हटवाई, धरना स्थल खाली कराया, टेंट तोड़ दिए। अब विपक्षी नेता उनके ऐक्शन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन पर क्या कहा है?
आम आदमी पार्टी की नाराज राज्यसभा सांसद स्वाती मालिवाल ने भगवंत मान सरकार पर चुनावी समीकरण साधने के लिए किसानों को उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'किसानों पर देर रात हुए अत्याचार का मकसद हाइवे खुलवाना नहीं, केजरीवाल के लिए राज्यसभा का रास्ता खोलने का है। केजरीवाल को लगता है ऐसा करने से लुधियाना का व्यापारी खुश होगा, चुनाव जीतेंगे और अरोड़ा जी की राज्यसभा सीट खाली होगी।'
कांग्रेस सासंद इमरान मसूद ने कहा, 'देश के किसान और नौजवान बेहद दुखी हैं। सरकार दूसरे मुद्दों में फंसी है। यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि MSP तय करे, AAP सरकार की नहीं। किसानों का मुद्दा केंद्र से जुड़ा है।'
AAP का क्या कहना है?
AAP सासंद संदीप पाठक ने कहा है, 'केवल केंद्र सरकार उनके मुद्दे सुलझा सकती है। सड़कों को बंद करना, किसानों को ही नुकसान पहुंचाएगा। छोटे व्यापारियों को असुविधाएं हो रही हैं। पंजाब से जुड़ी समस्याओं को 24 घंटे में निपटा दिया जाएगा लेकिन उनकी मांगे केंद्र सरकार ही पूरी कर सकती है।'
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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है, 'किसानों ने रोड ब्लॉक कर रखा है, जिससे पंजाब की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। नौकरियां खत्म हो रही हैं और युवा ड्रग्स की ओर जा रहा है।'
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों पर हुए ऐक्शन को लेकर कहा है कि सड़कें बंद होने से उद्योग और व्यापार पर असर पड़ा है। सरकार की प्राथमिकता रोजगार है, रोजगार तभी मिल सकता है, जब अनुकूल स्थितियां हों।
क्यों अचानक बदला भगवंत मान का रुख?
अरविंद केजरीवाल पंजाब यात्रा पर हैं। लुधियाना में उपचुनाव होने वाले हैं। यह इलाका व्यापारियों का इलाका कहा जाता है। पंजाब के उद्योगपति लगातार दबाव बना रहे थे कि किसानों को दोनों अहम जगहों से हटा दिया जाए, जिससे ट्रांसपोर्ट में आ रही दिक्कतें दूर हों।
विपक्ष का कहना है कि भगवंत मान व्यापारी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहते हैं। व्यापारियों को इन रास्तों के बंद होने की वजह से ट्रकों की आवाजाही पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। लुधियाना उपचुनाव में AAP ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवारबनाया है। अगर इस चुनाव में संजीव अरोड़ा जीत जाते हैं तो उन्हें पंजाब सरकार का हिस्सा बनाकर अरविंद केजरीवाल को राज्यसभा भेजा जा सकता है।
बीजेपी कांग्रेस का आरोप- केजरीवाल के लिए राह बना रहे मान!
कांग्रेस और बीजेपी का कहना है कि पंजाब सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। AAP के सामने लुधियाना चुनाव जीतने की चुनौती है, अगर यह चुनाव AAP हारती है तो अरविंद केजरीवाल राज्यसभा नहीं जा पाएंगे। यह आरोप विपक्ष के हैं, AAP ने इस पर कुछ नहीं कहा है।