छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को महादेव बेटिंग ऐप मामले में सीबीआई ने आरोपी बनाया है। उनका नाम छत्तीसगढ़ इकोनॉमिक अफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) द्वारा दायर किए गए एफआईआर में पहले से ही था।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिंगेश ने 6 हजार करोड़ के बेटिंग ऐप से संबंधित कई स्थानों पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने बघेल एसोसिट्स से संबंधित प्रॉपर्टी पर भी छापेमारी की जिसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, और अन्य तमाम पुलिस अधिकारी थे।
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राजनीति करने का लगाया था आरोप
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने इससे पहले सीबीआई पर रायपुर और भिलाई स्थित उनके आवासों पर राजनीति से प्रेरित छापेमारी करने का आरोप लगाया था और कहा था कि यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मार्च को राज्य के दौरे के दौरान होने वाले भाषण के लिए कंटेंट जुटाने के उद्देश्य से की गई थी।
भिलाई स्थित अपने आवास पर सीबीआई द्वारा कार्रवाई पूरी करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए बघेल ने कहा, 'छापेमारी राजनीति से प्रेरित थी। यह कार्रवाई सिर्फ प्रधानमंत्री के 30 मार्च को राज्य के आगामी दौरे के दौरान दिए जाने वाले भाषण की विषय-वस्तु तैयार करने के लिए की गई थी। इसके अलावा कोई और कारण नहीं था।'
'छापेमारी की सूचना नहीं मिली'
उन्होंने कहा, 'रायपुर स्थित सरकारी आवास पर छापेमारी की मुझे कोई सूचना नहीं मिली। घर से बाहर आने के बाद मुझे छापेमारी के बारे में पता चला। उन्होंने वहां जो कुछ भी रखा था, उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, क्योंकि न तो मैं और न ही मेरे परिवार के सदस्य वहां थे। यह उनकी (सीबीआई) साजिश है।'
शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके, उनके बेटे के घर और अन्य के परिसरों पर ईडी की छापेमारी के दौरान बघेल ने कहा कि छापेमारी के जरिए कांग्रेस को कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा, 'जब सात साल से चल रहा झूठा मामला अदालत में खारिज हो गया, तो आज सुबह ईडी के मेहमान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास में घुस आए। अगर कोई इस साजिश के जरिए कांग्रेस को रोकने की कोशिश कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।'
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सीबीआई ने क्या कहा?
संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि भिलाई में चैतन्य बघेल और राज्य में अन्य के परिसरों की तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट ने अपराध से 2,161 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की और पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा इस धन को प्राप्त करने वालों में से एक है।