लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी असम के एक दिवसीय दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने राज्य कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों के साथ बात की है। असम में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उससे पहले ही राहुल गांधी पार्टी के लिए मंथन करने पूर्वोत्तर के इस राज्य में पहुंचे हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले गौरव गोगोई को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जिसके बाद यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का पहला दौरा है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के इस दौरे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कटाक्ष किया है। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में यह कहा कि वह उन्हें जेल भेजेंगे।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, जिला, ब्लॉक और मंडल स्तरीय बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। यहां कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आने वाले विधानसभा चुनावों में अभी से तैयारियों के लिए कम कस रहा है। गौरव गोगोई का कहना है कि यह बैठक इसलिए हो रही है, जिससे शीर्ष नेतृत्व ब्लॉक, जिला और मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं के सामने अपना एजेंडा रख सके। उनका कहना है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का यह दौरा न्याय, सौहार्द और सभी के समावेशी विकास के प्रति कांग्रेस पार्टी की साझा प्रतिबद्धता दोहराने के लिए कहा है।
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असम के सीएम ने क्या दावा किया है?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राहुल गांधी ने असम कांग्रेस की बैठक में उन्हें जेल भेजने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह दावा किया है कि वह हिमंत बिस्व सरमा को जेल जरूर भेजेंगे। राहुल गांधी, राजनीतिक मामलों पर अपनी समिति के साथ बैठक कर रहे थे, उसी में उन्होंने यह बातें कही हैं। सीएम हिमंत ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं फिर भी वह उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं।
'लिखकर ले लीजिए, हिमंत बिस्व सरमा को होगी जेल'
असम के सीएम हिमंत ने X पर पोस्ट कर कहा, 'लिख कर ले लीजिए, हिमंत बिस्व सरमा को जेल जरूर भेजेगा। यह वही वाक्य है जो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने असम में कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति के साथ अपनी बंद बैठक में कहा। वह केवल इतना कहने के लिए असम आए। लेकिन हमारे नेता जी यह सुविधाजनक तरीके से भूल गए कि वह स्वयं देशभर में दर्ज कई आपराधिक मामलों में जमानत पर हैं। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। असम की मेहमाननवाजी का आनंद लीजिए।'
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कितनी पुरानी है हिमंत सरमा और राहुल गांधी की अदावत?
हिमंत बिस्व सरमा, पुराने कांग्रेसी रहे हैं। वह राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शुमार रहे हैं। बीजेपी में आने से पहले, राहुल गांधी की ओर से नजरअंदाज किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे। टकराव की एक वजह यह भी कही जाती है कि कांग्रेस असम में गोगोई परिवार को ज्यादा प्राथमिकता देती थी, हिमंत को दरकिनार किया जाता रहा। साल 1991 में उन्हें कांग्रेस ने छात्र और युवा कल्याण के लिए बनी राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का सदस्य सचिव बनाया था। 2001 में तरुण गोगोई की सरकार में वह 14 साल कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे। 28 अगस्त 2015 को उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया। साल 2015 से ही दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही है।