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हरियाणा: हुड्डा नहीं तो नेता विपक्ष कौन? दिल्ली में कांग्रेस का मंथन

हरियाणा में कांग्रेस संगठनात्मक बदलाव कर सकती है। 5 मई को दिल्ली स्थित कांग्रेस के मुख्यालय में राज्य के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। पढ़ें रिपोर्ट।

Rahul Gandhi and Bhupinder Singh Hudda

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा। (File Photo- PTI)

महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अपनी खामियां तलाश रही है। कांग्रेस जिन राज्यों में हारी है, वहां नए सिरे से संगठनात्मक बदलावों पर गौर कर रही है। हरियाणा कांग्रेस भी इससे भी अछूता नहीं रहने वाली है। दिल्ली में बुधवार को राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को दिल्ली में तलब किया गया है।

दोपहर 2 बजे होने वाली इस अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में हुड्डा परिवार केंद्र में रहेगा लेकिन गैर-जाट प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। 

संगठनात्मक बदलाव की ओर कांग्रेस

कांग्रेस राज्य में संगठनात्मक स्तर पर कुछ बदलाव कर सकती है, जिसमें सभी सभी जातियों और समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। कांग्रेस हरियाणा में सिर्फ हुड्डा परिवार पर ही केंद्रित नहीं रहना चाहती है, गैर जाट जाति-समूहों के बड़े नेताओं को जोड़ने की कोशिश करना चाहती है।  

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हुड्डा परिवार का भविष्य क्या होगा?
हुड्डा परिवार के रसूख को हरियाणा में कम करने की कोशिश नहीं की जा रही है। यह उनके नेतृत्व में दूसरे घटकों को भी भागीदारी देने की कोशिश है। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस, जाति आधारित प्रतिनिधित्व की बात करती है। जिस तबके की जितनी हिस्सेदारी, उसका उतना प्रतिनिधित्व। कांग्रेस को हरियाणा में कुछ नए चेहरे चाहिए, जो टीम राहुल के हिसाब से काम कर सके। 

हरियाणा प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी SC/ST और OBC को 50 फीसदी आरक्षण देती है। कांग्रेस पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण देती है। कांग्रेस को अपनी जगह लेनी होगी।'

जातीय समीकरणों पर ध्यान देगी कांग्रेस
बीके हरिप्रसाद को हाल ही में हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। वह राज्यसभा के पूर्व सदस्य रहे हैं। उनका कनहा है कि अब कांग्रेस व्यापक आधार वाला संगठन बढ़ने की ओर आगे बढ़ेगा। कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले जातीय समीकरणों को साधने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुछ बदलाव किए थे। राजनीति के जानकारों ने इसे कांग्रेस का सोशल इंजीनियरिंग कहा था। 

क्या है दिल्ली बैठक का एजेंडा?
बीके हरिप्रसाद का कहना है कि दिल्ली में होने वाली बैठक किसी को बाहर करने पर नहीं हो रही है। अन्य लोगों को हरियाणा कांग्रेस में कैसे शामिल किया जाए, उस पर जोर दिया जाएगा। हरियाणा में संगठन को मजबूत करने की कवायद चल रही है। कांग्रेस बीते 3 चुनावों से हरियाणा की सत्ता से बाहर है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक सीट भी नहीं जीत पाई। 2024 के चुनाव में 10 में 5 सीटें कांग्रेस ने जीत लीं। 

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क्यों मंथन कर रही कांग्रेस?

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हुड्डा परिवार पर निर्भर हो गई। गैर जाट समुदायों को साधने में फेल रही। पार्टी के भीतर हुड्डा परिवार से अलग खेमे में रहने वाले नेताओं की नाराजगी भी चुनाव में भारी पड़ी। कांग्रेस की राज्य में क्रॉस वोटिंग की वजह से राज्यसभा में भी अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कांग्रेस के संगठन में कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

नए रास्ते तलाश कर रही कांग्रेस
हरियाणा में कांग्रेस नए रास्ते तलाश रही है। हरियाणा में अभी दूर-दूर तक कोई चुनाव नहीं हैं। कांग्रेस ने साल 2025 में खुद को नए सिरे से स्थापित करने का मंत्र लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भविष्य पर भी फैसला नहीं हो पाया है। वह विपक्ष के नेता रहेंगे या नहीं, इस पर भी फैसला बैठक के बाद ही लिया जाएगा। 

हुड्डा होंगे नेता प्रतिपक्ष या कोई और चेहरा?
कांग्रेस अलाकमान ने अभी तक नेता प्रतिपक्ष तय नहीं किया है। पार्टी के 3 सदस्यीय पैनल ने विपक्ष के नेता के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। पार्टी इस मुद्दे को जल्द सुलझाने की जल्दी में भी नहीं है। 

संगठन में बड़े बदलाव की ओर कांग्रेस
कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं। कांग्रेस ने सभी 22 जिला कांग्रेस समितियों (DCC) और प्रदेश कांग्रेस समिति (PCC) को भंग किया है। कांग्रेस अब जाति आधारित प्रतिनिधित्व पर ध्यान देने की दिशा में काम कर रही है। ऐसे में नई समितियों का गठन भी इसी आधार पर हो सकता है।

कांग्रेस में युवा चेहरे की तलाश
बीके हरि प्रसाद ने कहा है कि कांग्रेस हरियाणा में दो कार्यक्रम चला रही है। 'जय बापू-जय भीम-जय संविधान' और आधुनिक राष्ट्र बनाने में कांग्रेस के योगदानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शिक्षित करने की योजना। कांग्रेस इसे अभियान के तौर पर पेश करेगी। कांग्रेस राज्यों में नए युवा चेहरे तलाश रही है, ऐसे कार्यक्रम कांग्रेस के लिए मददगार हो सकते हैं। 

कौन हो सकता है हरियाणा में विपक्ष का नेता?
कांग्रेस में विपक्ष का नेता कौन होगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है। कांग्रेस महासचिव सूत्रों के मुताबिक कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव जैसे नेताओं के समर्थक नहीं चाहते हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोबारा विपक्ष का नेता बनें। कांग्रेस ने अभी तक विधायक दल का नेता नहीं चुना है।  कांग्रेस के पास कुल 37 विधायक हैं। 
 
भूपेंद्र हुड्डा के भविष्य पर संशय
हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं। वह सूबे में किसान और कांग्रेस का प्रतिनिध्व भी करते हैं। शीर्ष नेतृत्व के साथ उनका तालमेल भी ठीक है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि विधानसभा का सत्र बिना विधानसभा के नेता के चले। 

हुड्डा के अलावा किन नामों की है चर्चा?
बुधवार की बैठक में नाम पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष के नेता के तौर पर डॉ. रघुबीर कादियान और अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान के भी सियासी भविष्य को लेकर फैसला हो सकता है। कहा जा रहा है कि बीके हरि प्रसाद को अहम जिम्मेदारी इन्हीं वजहों से दी गई है।

कौन होगा प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष?
राज्य प्रमुख के लिए कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भरद्वाज, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसत चौदरी वरण मुलाना, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अशोक करोड़ा, राव दान सिंह और गीता भुक्कल जैसे नामों की चर्चा है। कांग्रेस विपक्ष के नेता का दांव जतीय समीकरणों के हिसाब से तय कर सकती है। पहले मंथन इसी पर हो सकता है, बाद में प्रदेश अध्यक्ष का नाम पार्टी तय कर सकती है।  

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