मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के केंद्र सरकार के फैसले पर संसद के दोनों सदनों की मुहर लगने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव जल्द कराया गया, जिससे सरकार सवालों से बच सके।
मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। लोकसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले प्रस्ताव को बुधवार देर रात पारित किया। अगले दिन इसे राज्यसभा की मंजूरी मिली।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार सवालों से बचना चाहती है इसलिए प्रस्ताव जल्दबाजी में पारित किए गए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, 'यह संकल्प लोकसभा में 3 अप्रैल की रात करीब तीन बजे और राज्यसभा में 4 अप्रैल की सुबह चार बजे केवल एक घंटे की चर्चा के बाद पारित किया गया।' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री के पास कुछ बुनियादी सवालों के जवाब नहीं थे।
यह भी पढ़ें: भरोसे पर आंच, सेक्युलर पर सवाल, RJD के M-Y समीकरण में फंसे नीतीश कुमार
'3 मई को ही लग जाना चाहिए था राष्ट्रपति शासन'
जयराम रमेश ने केंद्र से पूछा, 'तीन मई, 2023 को मणिपुर क्यों जलने लगा जबकि बीजेपी और उसके सहयोगियों को विधानसभा चुनावों में भारी जनादेश मिला था। उन्होंने इसे डबल इंजन सरकार की विफलता करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त 2023 को खुद कहा था कि मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है इसके बावजूद मोदी सरकार को राष्ट्रपति शासन घोषित करने में लगभग अठारह महीने क्यों लग गए।'
'सवालों से बचने के लिए लगाया राष्ट्रपति शासन'
जयराम रमेश ने कहा कि 10 फरवरी 2025 से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव के कारण राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। उन्होंने मई 2023 के बाद से प्रधानमंत्री के मणिपुर का दौरा न करने के कांग्रेस के आरोप को दोहराया। जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि अन्य राजनीतिक दलों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया।
यह भी पढ़ें: वक्फ विधेयक: BJP खुश लेकिन अपनों को नाराज कर गए चंद्रबाबू-नीतीश कुमार
मणिपुर में कैसे हैं हालात?
मणिपुर में मई 2023 में भड़की हिंसा के बाद से चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। 13 फरवरी को लगाए गए राष्ट्रपति शासन की पुष्टि संसद के दोनों सदनों ने कर दी है। राष्ट्रपति शासन के बाद भी मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हैं। मणिपुर के मुद्दे पर कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। विपक्ष लगातार मणिपुर पर चर्चा की मांग करता रहा है।