तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ' ब्रायन ने दावा किया है कि साल 2020 से 2021 के बीच और 2024 से 2025 के बीच विज्ञापनों पर केंद्र सरकार के खर्च में 84 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने संसद में यह जानकारी न देने के लिए सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े, विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (केंद्रीय संचार ब्यूरो) की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ' ब्रायन ने 8 अगस्त को पिछले 5 साल में अखबारों और टेलीविजन मीडिया में विज्ञापनों और प्रचार अभियानों पर केंद्र सरकार के खर्च का ब्योरा मांगा था। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने एक लिखित उत्तर में बताया था कि केंद्रीय संचार ब्यूरो और अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों की ओर से विज्ञापन जारी करता है। इस व्यय का विवरण सीबीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। राज्यसभा में जवाब न मिलने की वजह से डेरेक ओ ब्रायन ने नाराजगी जाहिर की है।
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'राज्यसभा में जवाब मांगा, CBC की वेबसाइट देखने का निर्देश मिला'
समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने CBC की वेबसाइट से डेटा निकालकर विश्लेषण किया है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'इस अस्थिर मोदी गठबंधन ने संसद का मजाक उड़ाने का एक और तरीका ढूंढ लिया है। अब प्रश्नकाल के दौरान सीधे जवाब देने के बजाय वे सांसदों को वेबसाइट देखने का निर्देश दे रहे हैं। हम वहां गए और देखिए कि हमें क्या मिला।'
विज्ञापनों पर खर्च का ब्यौरा क्या है?
डीएवीपी वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों का जैसा विश्लेषण तृणमूल कांग्रेस ने किया है, उसके मुताबिक सरकार ने 2020-21 में विज्ञापनों पर 349.24 करोड़ रुपये खर्च किए। यह साल 2021-22 में घटकर 274.87 करोड़ रुपये हुआ। सरकार ने 2022-23 में विज्ञापनों पर 347.38 करोड़ रुपये खर्च किए जो चुनाव से पहले के वर्ष 2023-24 में बढ़कर 656.08 करोड़ रुपये हो गए। यह खर्च 2024-25 में 643.63 करोड़ रुपये था।
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पीएम मोदी को PRM बता रहे डेरेक ब्रायन
डेरेक ओ ब्रयान ने कहा कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पब्लिक रिलेशन मिनिस्टर (PRM) बन गए हैं। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने विज्ञापनों पर 2020 से 2021 तक से लेकर अगस्त 2025 तक कुल 2,320.14 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। 66 मंत्रालयों का प्रति वर्ष औसत व्यय 454 करोड़ रुपये है।