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बिहार के लिए 'जमाई आयोग' क्यों मांग रही RJD? परिवारवाद पर नया बवाल

भारतीय जनता पार्टी के नेता, सियासी रैलियों में अक्सर परिवारवार पर तल्ख टिप्पणियां करते नजर आते हैं। अब बिहार में, इसी मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल ने प्रधानमंत्री और बीजेपी को घेर लिया है। क्या है मामला, पढ़ें रिपोर्ट।

Lalu Yadav,  Manoj Jha and Tejashwi Yadav

लालू यादव, मनोज झा और तेजस्वी यादव। (Photo Credit: PTI)

मनोज झा, राज्यसभा सांसद, जेडीयू
'एक के बाद एक प्रधानमंत्री के जुबानी मुखौटे उतरते जा रहे हैं। भाई भतीजावाद और परिवारवाद पर बीजेपी, जेडीयू और प्रधानमंत्री मोदी का दोहरा चरित्र हुआ फिर से बेनकाब। विधि मंत्रालय द्वारा जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय झा की दोनों पुत्रियों को सुप्रीम कोर्ट में एक ही दिन ग्रुप-ए पैनल काउंसिल  बनवा दिया जाता है, जिन्हें कोई विशेष कार्य अनुभव भी नहीं है। कहां गया नीतीश कुमार का सामाजिक न्याय? कहां गई शुचिता? कहां गए जेडीयू के दलित, पिछड़े, आदिवासी कार्यकर्ता और उनका आत्मसम्मान? कार्यकर्ता झाल बजाते रह गए और सारा माल और मलाई चाटुकार संजय झा दबा गए।'


बिहार में 'जमाई आयोग' पर हंगामा बरपा है। हमेशा परिवारवाद को लेकर निशाने पर रहने वाले तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता ने सत्तारूढ़ एनडीए को ही घेरा है। जनता दल यूनाइटेड के नेता संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील बनाया गया पहले बवाल छिड़ा। दावा किया गया कि उनकी दोनों बेटियां अनुभवहीन हैं, ऐसे में उनकी नियुक्ति कैसे इतने अहम पद पर हो सकता है। जेडीयू का कहना है कि बिहार के जिम्मेदार पदों पर परिवारवादी मानसिकता के साथ नियुक्तियां की जा रही हैं, ऐसे में बिहार आयोग को 'जमाई आयोग' बना दिया जाए। जेडीयू का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, परिवारवाद पर सबको जमकर खरी-खोटी सुनाते हैं लेकिन उन्हें अपने सहयोगी दलों और अपनी पार्टी का परिवारवाद समझ में नहीं आता है। 


राष्ट्रीय जनता दल से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने 9 अक्तूबर 2024 को कानून मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की पैरवी के लिए ग्रुप ए पैनल में तीन साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। संजय झा की बेटियों के पास अनुभव ही नहीं है। उन्होंने आदेश की मूल प्रति तक शेयर कर दी।

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कौन हैं संजय झा की बेटियां? 

संजय झा की दो बेटियां, अब ग्रुप-ए पैनल का हिस्सा हैं। आद्या झा और सत्या झा एक ही घर में रहती हैं। दोनों के पते पर एक ही आवास का जिक्र है। दिल्ली बार काउंसिल में आद्या झा का रजिस्ट्रेशन 2020 में हुआ, दूसरी बेटी सत्या झा का 2019 में।  दोनों के पास 10 साल से कम का अनुभव है। 

राष्ट्रीय जनता दल का कहना है कि दलित, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की सियासत करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी, पैदा होते ही सबसे ऊंचा होने का दावा करते हैं, यह कैसे होता है, ये नियुक्तियां उसी बात का परिणाम हैं। 

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जमाई आयोग वाले तंज की कहानी क्या है?

तेजस्वी यादव ने मांग की है कि बिहार में एक जमाई आयोग बना देना चाहिए। वजह यह है कि चिराग पासवान के बहनोई मृणाल पासवान, अब बिहार अनुसूचित जाति आयोग में पदाधिकारी हैं। जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को भी पद मिला है। अशोक चौधरी के दामाद, सयान कुणाल को बिहार धार्मिक बोर्ड में जगह दी गई है। कहा जा रहा है कि वह संघ के कोटे से बोर्ड के सदस्य बने हैं। यही वजह है कि बिहार में अब परिवारवाद पर खुद बीजेपी घिर गई है। 

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 15 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बिहार के आयोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमाई सेटलमेंट योजना में तब्दील कर दिया है। जब आयोगों के माध्यम से यही करना है तो क्यों नहीं बिहार को अपनी जागीर समझने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक समर्पित जमाई आयोग का गठन ही नहीं कर देते हैं?'

तेजस्वी यादव ने कहा, 'आयोगों में नीतीश कुमार ने अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जगह नहीं दिया है, बंदरबांट के महारथी भ्रष्ट अधिकारियों और अपने भुंजा गैंग के सदस्यों के संबंधियों को जगह दिया है। कार्यकर्ता बेचारे बंधुआ मजदूरों की तरह मुंह ताकते रह गए।'



उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीशु कुमार, आप दोनों मिलकर बिहार में स्पेशल अरेंजमेंट कमीशन का गठन कर दीजिए। स्पेशल अरेंजमेंट का। फला जी के दामाद को, फला जी की पत्नी को, फलना जी के बेटा बेटी को। अचेत अवस्था में बिहार संभाल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और परिवारवाद के पोषक प्रधानमंत्री ने NDA के सहयोगी दलों के साथ मिलकर बिहार में जमाई आयोग का गठन किया है, जिसमें रामबिलास पासवान के दामाद, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी जी के दामाद को जगह दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री सहित 50 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री परिवारवादी है।'

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NDA तो परिवार पर घिरी लेकिन RJD का हाल क्या है? 

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव हैं। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हैं। आरजेडी की आधिकारिक वेबसाइट पर एक सिरीज में लालू यादव, रबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव का विवरण है। वेबसाइट के कवर पेज पर लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की तस्वीर है। दूसरी तरफ मीसा भारती और रबड़ी देवी की तस्वीर है। एक जगह छोटी सी तस्वीर रघुवंश प्रसाद सिंह और अब्दुल बारी सिद्दीकी की भी है। 

RJD के अलावा, बिहार में परिवारवाद का हाल क्या है?

  • LJP (राम विलास): राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री हैं। जो पद उनके पिता के पास था, वही उनके पास भी है। उनके चाचा पशुपति पारस हैं, पार्टी विवाद से पहले दोनों एक ही दल में थे। अब दोनों के बीच पारिवारिक विवाद कोर्ट तक आ पहुंचा है। अरुण भारती जमुई से सासंद हैं, वह चिराग के बहनोई हैं।
  • हिंदुस्तान आवाम मोर्चा: जीतन राम मांझी पार्टी के संस्थापक हैं। उनके बेटे संतोष कुमार सुमन हैं। वह बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं, पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। 
  • बीजेपी: रवि शंकर प्रसाद, जनसंघ के संस्थापकों से एक रहे हैं। रवि शंकर प्रसाद पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं। पटना साहिब से सांसद हैं। संजय नेता पश्चिम चंपारण से सांसद हैं। वह पूर्व सांसद मदन जायसवाल के बेटे हैं।

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