केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर नेताओं के व्यवहार पर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर सियासत शुरू हो गई है। वह अपनी भी पार्टी के नेताओं की तीखी आलोचना से नहीं बचते हैं। अब उन्होंने कहा है कि सत्ता, नेताओं को अहंकारी बना देती है। उनके बयान पर नई बहस छिड़ गई है, वजह यह है कि वह उनकी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है, वह खुद भी अपने दल के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं।
शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में शिक्षकों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने नेतृत्व, अहंकार और शिक्षा पर बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सत्ता, धन, ज्ञान या सुंदरता हासिल करने वाले लोग अक्सर अहंकारी हो जाते हैं। नितिन गडकरी ने चेतावनी दी कि जो लोग खुद को सबसे चतुर समझने लगते हैं, उनकी दबंगई दूसरों पर हावी होने लगती है।
नितिन गडकरी:-
सत्ता, धन, ज्ञान या सुंदरता हासिल करने वाले लोग अक्सर अहंकारी हो जाते हैं।
नितिन गडकरी ने कहा, 'इतिहास गवाह है, जिन्हें लोग स्वीकार करते हैं, उन्हें कभी किसी पर अपनी बात थोपनी नहीं पड़ती।'
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'सम्मान मांगा नहीं जाता, कमाया जाता है'
नितिन गडकरी ने नेतृत्व में अहंकार को कमजोरी बताया है। उन्होंने कहा है कि नेताओं की असली ताकत रिश्तों में और टीम वर्क में होती है। उन्होंने कहा, 'आप अपने सहयोगियों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, यह मायने रखता है। सम्मान मांगा नहीं जाता, कमाया जाता है।' कुछ राजनीतिक विरोधियों ने इसे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर कटाक्ष माना है। एक तथ्य यह भी है कि नितिन गडकरी खुद भी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार हैं।
'भ्रष्ट सिस्ट में सड़कें कैसे बन रही हैं'
नितिन गडकरी ने भ्रष्ट नेताओं का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसे नेता अहंकारी और आत्मकेंद्रित हैं। उन्होंने सरकारी विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार पर तंज कसा और कहा कि शिक्षा विभाग में भी लोग रिश्व लेते हैं। सड़कों के निर्माण को लेकर उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, 'इतने भ्रष्ट सिस्टम में सड़कें कैसे बनती हैं?' उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनौतियों को अवसर में बदल देते हैं, जबकि कुछ लोग मौके गंवा देते हैं।
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शिक्षकों पर क्या बोले नितिन गडकरी?
अधिकारियों की जवाबदेही पर नितिन गडकरी ने कहा, 'जब आपको नौकरी मिलती है तो आपकी परीक्षा होती है। मैं पूछता हूं, क्या आप गधे को घोड़ा बना सकते हैं?' उन्होंने शिक्षकों को नसीहत देते हुए कहा, 'आज आप जो सिखाते हैं, उसी पर देश का भविष्य टिका है।'