प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आरोपी बनाया गया है। यह चार्जशीट 9 अप्रैल को जमा की गई थी, जिसे विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने रिव्यू किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख तय की। 25 अप्रैल को यह तय किया जाएगा कि इस मामले को अदालत द्वारा स्वीकार किया जाए या नहीं।
जज ने कहा, ‘25 अप्रैल 2025 को प्रॉसीक्यूशन की शिकायत की को स्वीकार करने पर विचार किया जाएगा, इस दौरान ईडी के विशेष वकील और जांच अधिकारी अदालत में केस डायरी भी पेश करेंगे।’
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AJL में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी
12 अप्रैल को ईडी ने कहा कि उसने कांग्रेस द्वारा नियंत्रित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ₹661 करोड़ की अचल संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राहुल और सोनिया गांधी मिलकर AJL की 75% से ज़्यादा हिस्सेदारी रखते हैं।
ईडी ने अपने बयान में कहा कि उसने उन संपत्तियों को खाली करने या किराया ट्रांसफर करने के लिए नोटिस जारी किए हैं जो इस मामले से जुड़ी हैं। ये नोटिस शुक्रवार को दिल्ली के आईटीओ इलाके में स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा में एक संपत्ति और लखनऊ के बिशेश्वरनाथ रोड पर स्थित AJL भवन पर चिपकाए गए।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की गई है, जो ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया को निर्धारित करता है, जिसे PMLA के तहत निर्णायक प्राधिकरण द्वारा मंजूरी दी गई होती है।
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क्या है मामला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले की जांच 2014 में शुरू की, जब सुब्रमण्यम स्वामी ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों पर सिर्फ ₹50 लाख में कब्जा कर लिया, जबकि उनकी असली कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक थी।
नेशनल हेराल्ड अखबार को AJL द्वारा पब्लिश किया जाता है, जो यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के अधीन है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों के पास यंग इंडियन में 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जिससे वे इसके प्रमुख शेयरधारक बन जाते हैं।