तमिलनाडु की स्टालिन सरकार से दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में वी. सेथिल बालााजी और के. पोनमुडी शामिल हैं। दोनों मंत्रियों के इस्तीफे अलग-अलग कानूनी और राजनीतिक विवाद के बाद आए हैं।
डीएमके सरकार में पोनमुडी जहां वन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे तो वहीं बालाजी के पास बिजली और आबकारी विभाग का जिम्मा था।
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बालाजी का इस्तीफा क्यों?
सेंथिल बालाजी और पोनमुडी, दोनों ही विवादों में फंसे हुए थे। 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने इसितीफा नहीं दिया तो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत को रद्द कर दिया जाएगा।
बालाजी को जून 2023 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर रिश्वत लेकर अपने करीबियों को नौकरी देने का आरोप है। सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के 3 दिन बाद उन्हें सीएम स्टालिन ने कैबिनेट में फिर शामिल कर लिया था।
उन्हें दोबारा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पिछले हफ्ते ही 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस्तीफा देने को कहा था।
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पोनमुडी का इस्तीफा क्यों?
पोनमुडी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। उन्होंने हाल ही में हिंदुओं को लेकर एक बेहद ही आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले पर मद्रास हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
उन्होंने शैव और वैष्णव समुदाय को लेकर 6 अप्रैल को टिप्पणी की थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। विवाद बढ़ने के बाद 11 अप्रैल को डीएमके ने पोनमुडी को पार्टी के उप महासचिव के पद से हटा दिया था। हालांकि, वे मंत्री पद पर बने हुए थे।