पंजाब या गुजरात वजह, बीजेपी छोड़ कांग्रेस के पीछे क्यों पड़े केजरीवाल?
राजनीति
• NEW DELHI 29 Aug 2025, (अपडेटेड 29 Aug 2025, 2:01 PM IST)
भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामलों में नाम सामने आने के बाद भी गांधी परिवार का एक भी सदस्य जेल नहीं गया है। AAP के कई नेता जेल पहुंचे। अब अरविंद केजरीवाल ने इसे मुद्दा बना लिया है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल। (Photo Credit: AAP/X)
आम आदमी पार्टी (AAP) के संस्थापक अरविंद केरीवाल ने इन दिनों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर एक साथ हमलावर हैं। AAP और कांग्रेस का रिश्ता कई दौर से गुजरा है। अन्ना आंदोलन के बाद बनी यह पार्टी, एक जमाने में कांग्रेस की धुर विरोधी थी, चुनाव हुए तो 2013 में मिलकर सरकार बना ली। अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस्तीफा दिया, फिर चुनाव हुए। 2014 में नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री बने फिर सियासत बदलने लगी। 2019 में फिर 2024 में कई बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में चुनावी गठबंधन होते-होते रह गया है। कभी दोस्त, कभी दुश्मन वाली इस सियासत पर अरविंद केजरीवाल ने हमले तेज कर दिए हैं।
दोनों पार्टियों की कॉमन प्रतिद्वंद्वी पार्टी है भारतीय जनता पार्टी। अरविंद केजरीवाल कई बार मान चुके हैं कि देश की सत्ता में बीजेपी को हटाने के लिए इंडिया ब्लॉक की जरूरत है। कांग्रेस, इंडिया ब्लॉक का अगुवा दल है। अब आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस का विरोध अरविंद केजरीवाल ने तेज कर दिया है। एक से बढ़कर एक बयान कांग्रेस के खिलाफ पार्टी का शीर्ष नेतृत्व दे रहा है, जबकि सत्ता में भारतीय जनता पार्टी है। क्या गुजरात और पंजाब के चुनाव इन हमलों की असली वजह हैं, विस्तार से समझते हैं-
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अरविंद केजरीवाल, AAP संयोजक:-
हम पर फर्जी केस बनाकर जेल भेजा गया लेकिन नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार से कोई जेल नहीं गया। लोग कहते हैं कांग्रेस ने बीजेपी के साथ समझौता किया।
अरविंद केजरीवाल का दावा क्या है?
अरविंद केजरीवाल ने गांधी परिवार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला, 'ओपन एंड शट' केस है, फिर भी गांधी परिवार का कोई सदस्य जेल नहीं गया। वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं को फर्जी मामलों में जेल भेजा जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस के बीच गठजोड़ का भी आरोप लगाया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद से AAP और कांग्रेस के बीच तल्खी और बढ़ गई है। राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल पर केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। अब अरविंद केजरीवाल भी वैसे ही हमले उन पर बोल रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा और 2जी, कोल स्कैम जैसे मामलों को लेकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है।
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#WATCH | Mumbai | Law Commission Member, Advocate Hitesh Jain says, "There is a trend witnessed for a decade now. Looking at interviews and quotes given by former judges, it is apparent that their concern is not about judicial independence or what is happening in the court or the… pic.twitter.com/uE9UJl0Kai
— ANI (@ANI) August 29, 2025
बनते-बनते चूक जाता है गठबंधन
जब साल 2023 में इंडिया ब्लॉक की कवायद शुरू हुई थी तो आम आदमी पार्टी भी खुद को इस गठबंधन का हिस्सा बताती थी। कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशें हुईं लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी। गठबंधन होते-होते हर बार रह जाता है, फायदा बीजेपी को मिलता है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा। जीत बीजेपी की हुई, पूर्ण बहुमत से बीजेपी सरकार में है। कांग्रेस के रुख से आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा।
AAP के अचानक हमलावर होने की वजह क्या है
अरविंद केजरीवाल:-
लोग मायावती जैसे नेताओं के बीजेपी से समझौते की बात करते हैं। गोवा में लोग पूछते हैं कि AAP के पांच बड़े नेता जेल गए, लेकिन कांग्रेस का कोई नेता क्यों नहीं?
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपना जनाधार खो दिया है। बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार में है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है लेकिन भगवंत मान मुख्यमंत्री के तौर पर कई मोर्चे पर आलोचना के केंद्र में हैं। राज्य में कानून व्यवस्था से लेकर नशे तक पर वह घिरे हैं। अवैध खनन का मुद्दा कांग्रेस सरकार के जमाने में भी रहा, भगवंत राज के भी कार्यकाल में। गुजरात में AAP पांव जमाने की कोशिश कर रही है।
AAP अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी नहीं है। गुजरात जैसे राज्यों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में कहा कि AAP समझौतों की राजनीति नहीं करती और न ही बंद कमरों में सौदेबाजी करती है। अब अरविंद केजरीवाल इसी राजनीति पर आगे बढ़ रहे हैं।
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गुजरात और पंजाब में AAP और कांग्रेस का हाल क्या है?
- पंजाब: AAP की यहां पूर्ण बहुमत से सरकार है। राज्य की 117 विधानसभाओं में से 92 सीटों पर आम आदमी पार्टी जीती है। कांग्रेस यहां की सत्ताधारी पार्टी रही है। कांग्रेस के पास सिर्फ 18 सीटें हैं। पंजाब में कांग्रेस का मजबूत जनाधार रहा है। AAP के पास 42 फीसदी वोट प्रतिशत है, वहीं कांग्रेस के पास 23 प्रतिशत। दिलचस्प बात यह है कि यहां बीजेपी के पास सिर्फ 2 सीट है।
अकाली से अलग होने के बाद पंजाब में बीजेपी और कमजोर हुई है। प्रंचड मोदी लहर में भी यह राज्य, बीजेपी के लिए अजेय रहा है। कांग्रेस यहां दूसरे नंबर की पार्ट है और कांग्रेस के खिलाफ बोलना, अरविंद केजरीवाल की सियासी मजबूरी भी है। - गुजरात: गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं। दिसंबर 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने यहां 5 सीटें जीत लीं। कांग्रेस यहां 17 सीटों पर है। बीजेपी यहां 156 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत से सत्ता में है। आम आदमी पार्टी अपनी पकड़ और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। AAP के पास जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए पर्याप्त समय भी है।
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